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जीआरपी के जर्जर बैरक में जवान रहने को विवश

रेल यात्रियों की सुरक्षा करनेवाले रेल पुलिस के जवान नारकीय जीवन जी रहे हैं। स्टेशन रोड स्थित जीआरपी के बैरक के सभी भवन जर्जर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 05:00 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 05:00 PM (IST)
जीआरपी के जर्जर बैरक में जवान रहने को विवश
जीआरपी के जर्जर बैरक में जवान रहने को विवश

मधुपुर : रेल यात्रियों की सुरक्षा करनेवाले रेल पुलिस के जवान नारकीय जीवन जी रहे हैं। स्टेशन रोड स्थित जीआरपी के बैरक के सभी भवन जर्जर हैं। रेलवे प्रशासन की उदासीनता के कारण रेल पुलिस के जवान इस जर्जर बैरक में रहने के लिए मजबूर हैं। जवानों ने बताया कि भवन इतना जर्जर हो गया है कि कभी भी हादसा हो सकता है। ब्रिटिश काल में बने जीआरपी बैरक की सुध लेने वाला कोई नहीं है। बैरक में फिलहाल रेल पुलिस के हवलदार समेत 16 जवान रहते हैं। इसमें चार कमरा, एक रसोई घर व दो शौचालय है। बरसात में छत से पानी का रिसाव होता है। इससे बचने के लिए प्लास्टिक का सहारा लेना पड़ता है। जवान कहते हैं वे लोग यहां जान जोखिम में रहते हैं। दो शौचालय में से एक काफी दिनों से खराब है। पेयजल के लिए बैरक के बगल में स्थित कुआं पर भी निर्भरता है। जवान कहते हैं कि बारिश में तो रतजगा की नौबत रहती है।

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इस संबंध में मधुपुर रेल थाना प्रभारी हरेराम दुबे ने कहा कि रेलवे के वरीय पदाधिकारियों को पत्र लिख कर समस्या की जानकारी दी गई है। जर्जर बैरक भवन की मरम्मती समेत जवानों की अन्य सुविधा मुहैया कराने के कई बार रेलवे के वरीय पदाधिकारी व अभियंता को पत्राचार भी कर चुके हैं। अभी तक इसमें कुछ नहीं हो सका है।


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