बाबा मंदिर में दही हांडी परंपरा का हुआ निर्वहन
बाबा नगरी में बाबा बैद्यनाथ की जीवंत रूप की पूजा करने की परंपरा रही है
संवाद सूत्र, देवघर
बाबा नगरी में बाबा बैद्यनाथ की जीवंत रूप की पूजा करने की परंपरा रही है। इसी के तहत भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष नवमी तिथि बुधवार को दही हांडी का उत्सव मनाया गया। बाबा बैद्यनाथ की विशेष पूजा की गई और दही-हांडी का उत्सव मनाया गया। इस दौरान सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा शाम लगभग चार बजे विधि-विधान से बाबा की पूजा की। पुरोहित दुर्गा पंडित व भक्तिनाथ फलहारी के द्वारा पूजा में सहयोग प्रदान की गई। इस दौरान बाबा पर दही अर्पित किया गया। इसके बाद बाबा मंदिर परिसर स्थित सभी 22 मंदिरों में बारी-बारी से दही अर्पित किया गया। परंपरा निर्वहन के उपरांत बाबा मंदिर का पट खुला रखा गया क्योंकि ऐसी मान्यता रही है कि दही हांडी अर्पित करने के बाद शाम में बाबा का श्रृंगार पूजन के उपरांत ही पट बंद किया जाता है। परंपरा के मुताबिक जन्माष्टमी के दूसरे दिन बाबा मंदिर में दही हांडी का पर्व मनाने की प्राचीन परंपरा है।
मौके पर एसडीओ सह मंदिर प्रभारी विशाल सागर ने कहा कि कोरोना काल में शारीरिक दूरी के साथ इस परंपरा का निर्वाह सीमित तीर्थ पुरोहित के द्वारा किया गया है। इस दौरान किसी को भी मंदिर के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। इसलिए मंदिर के चारों ओर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मौके पर प्रशिक्षु आइएएस संदीप मीणा, मंदिर सलाहाकार विन्देश्वरी झा, बाबा झा, छोटेलाल झा, भोला भंडारी समेत कई मौजूद थे।