शर्ताें के साथ वेतन देने के निर्णय का विरोध
जागरण संवाददाता देवघर जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से शिक्षकों के स्थगित वेतन भुगतान से संबं
जागरण संवाददाता, देवघर : जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से शिक्षकों के स्थगित वेतन भुगतान से संबंधित आदेश जारी किया है। हालांकि जारी आदेश में कहा है कि उपायुक्त के निर्देश के आलोक में स्थगित वेतन का भुगतान शर्तों पर किया जाएगा। आदेश में दिए शर्त के मुताबिक शिक्षकों को 31 जनवरी तक छात्रों का बैंक में खाता खोलना होगा। बैंक में खाता नहीं खुलने से छात्रों को योजना का लाभ नहीं मिलने की सारी जबावदेही शिक्षकों पर होगी। वहीं 10 फरवरी तक ई-सेवापुस्त से संबंधित सारी प्रविष्टियों को भरकर कार्यालय में जमा कराने कहा गया। तय तारीख तक डाटा उपलब्ध नहीं कराने वाले शिक्षकों पर उच्च अधिकारियों के आदेश की अवेहलना करने के आरोप में नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को शिक्षकों की ओर से जमा कराए गए डाटा का मिलान करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेश पर नाराजगी शर्ताें के साथ शिक्षकों को वेतन भुगतान किए जाने के जिला शिक्षा अधीक्षक के आदेश पर झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। संघ के जिलाध्यक्ष स्कंद कुमार ने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक भ्रष्टाचार को खत्म करने की बजाय शिक्षकों के आवाज को दबाना बंद करें। शिक्षकों के स्थगित वेतन का सशर्त निकासी का आदेश उनके मनमाने रवैये को दर्शाता है। बच्चों के बैंक खाते खुलवाने के लिए सिर्फ शिक्षक को पूर्ण जिम्मेवार ठहराना और उनका वेतन या वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई का आदेश देने का तानाशाही फरमान है। गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए शिक्षकों के वेतन रोकने का आदेश संबंधी कोई विभागीय पत्र उच्चाधिकारियों द्वारा जारी नहीं किया गया है और ना ही किसी जिले में गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए शिक्षकों को जिम्मेवार ठहराते हुए उनका वेतन रोका गया है। शिक्षकों के जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन वेतन ही है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों को संरक्षण वर्षों से दिया जा रहा है। कार्यालय के काम में किसी प्रकार की पारदर्शिता नहीं है। शिक्षकों के द्वारा इसका विरोध लगातार किया भी जा रहा है। लेकिन जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर अपने व कार्यालय की कार्यशैली में सुधार करने के बजाय शिक्षकों को प्रताड़ित कर उनकी बातों को दबाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को प्रताड़ित करना बंद करें अन्यथा उन्हें जिले के हजारों शिक्षकों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।