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घटना की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस

जागरण टीम देवघर तीन युवकों की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस घटना से जुड़ी कडि

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 11:24 PM (IST)
घटना की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस
घटना की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस

जागरण टीम, देवघर : तीन युवकों की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस घटना से जुड़ी कड़ियों को जोड़कर मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इसी सिलसिले में बुधवार को एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव, नगर थाना प्रभारी दयानंद आजाद व जसीडीह थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर घटना की छानबीन की। एसडीपीओ ने घटना के बारे में बारीकी से छानबीन की। पूरे घटनाक्रम को फिर से समझने का प्रयास किया गया। बताया गया कि तीनों युवकों का शव एक ही कमरे में था। शिवानंद उर्फ छोटे व शानू मिश्रा को सिर के ऊपरी भाग में और रितेश को माथे के आगे के भाग में गोली लगी थी। अनुमान लगाया गया कि सिर के ऊपरी भाग में तभी गोली लग सकती है जब कोई बैठा हुआ हो। क्योंकि उसके ऊपर से गोली मारने के लिए हाथ को ऊपर ले जाना होगा। साथ ही दोनों को सिर के ऊपरी हिस्से में गोली एक ही व्यक्ति ने मारी होगी क्योंकि करीब-करीब एक ही जगह दोनों को गोली लगी है। साथ ही रितेश का शव शानू की गोद के पास गिरा हुआ था। वहीं पास में छोटू का शव जमीन पर गिरा हुआ था। तीनों शव के पास से एक-एक खोखा बरामद किया गया। वहीं घटनास्थल पर ऐसा कोई निशान नहीं था जिससे ये लगे कि मरने वालों के साथ किसी ने जोर-जबरदस्ती की हो। कमरे का फर्स मिट्टी का था लेकिन किसी का भी कपड़ा गंदा नहीं था। वहीं किसी और के वहां होने या फिर घटना को अंजाम देने का भी कोई निसान नजर नहीं आया। साथ ही अगर कोई मरता तो वह सामने या पीछे से गोली मारता न की सिर के ऊपर से गोली मारी जाती। इन सभी बिदुंओं को जोड़कर पुलिस किसी नतीजे तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। अब तक जो साक्ष्य मिले हैं उसके तहत ये मामला आत्महत्या की ओर इशारा कर रहा था। अनुमान लगाया जा रहा है कि रितेश ने पहले छोटू को गोली मारी, फिर शानू को उसी तरह और उसी जगह पर गोली मारी और फिर शानू के गोद के पास बैठकर उसने खुद को माथे के आगे के भाग में बांयी ओर गोली मार ली। साथ ही यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि रितेश की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद किया गया है उसमें ऊपर रितेश का नाम, फिर पिता राजकुमार सुल्तानियां और मां रीना देवी का नाम लिखा हुआ था। आमतौर पर लोग दूसरे के पिता का नाम तो जानते हैं लेकिन मां का नहीं। साथ ही सुसाइड नोट में रितेश की अपनी मां के प्रति चिता भी उजागर हो रही है। क्योंकि उसने एक जगह लिखा है कि उसकी मां को सरकारी मुआवजा दे दिया जाए तभी उसकी आत्मा को शांति मिलेगी। अगर कोई और ये पत्र लिखता तो वह शायद उसकी मां का नाम और मां के प्रति चिता को व्यक्त नहीं करता। ऐसे में अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि पत्र रितेश ने ही लिखा किसी और ने नहीं। हालांकि पुलिस पत्र की लिखावट भी मिलान करने का प्रयास कर रही है। एसडीपीओ ने घटनास्थल व उसके आसपास के इलाके का भी मुआयना किया। घटनास्थल से सटे मकान में रह रहे लोगों से पूछताछ करने का निर्देश दिया है। वहीं पुलिस घटनास्थल के आसपास मंगलवार को मौजूद मोबाइल का भी पता लगाने का प्रयास कर रही है ताकि ये पता चल पाए कि इन तीनों के अलावा कोई और तो वहां मौजूद नहीं था। हालांकि मामले के प्रारंभिक जांच में प्राप्त साक्ष्य आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं।

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जय-वीरू की जोड़ी थी शानू व रितेश की : शानू व रितेश में बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों की जोड़ी को जय-वीरू की जोड़ी कहा जा सकता है। पुलिस ने मारे गए तीनों युवकों के परिजनों से काफी देर तक बात की। ये जानने का प्रयास किया कि उनके बीच कैसा संबंध था। वे एक दूसरे को कितने दिनों से जानते हैं। उनका चाल चलन कैसा था। बातचीत के दौरान पता चला कि उन लोगों को नशे की काफी खराब लत थी। इन लत के कारण वे चोरी की छोटी-मोटी घटना भी कर चुके थे। खास करके शानू व रितेश को उसके परिजनों ने एक दूसरे से अलग करने का काफी प्रयास किया। उन लोगों को लगा कि वे एक दूसरे से अगल हो जाएंगे तो शायद सुधर जाएंगे। इसी कारण शानू की हाल में बहुत कम उम्र में ही शादी कर दी गई थी। वहीं रितेश की भी शादी तय हो चुकी थी। घरवालों को लगा कि दोनों गृहस्थ जीवन से जुड़ जाएंगे तो उनकी बुरी आदत छूट जाएगी। दोनों को साथ रहने पर भी रोका जा रहा है। उन्हें घर से ज्यादा निकलने पर भी मनाही थी। जानकारी हो कि सोमवार की सुबह रितेश ने जब शानू को फोन किया था तो उसने पहले जाने से मना कर दिया था। उसके बाद रितेश ने उसके एक आखिरी बार साथ चलने को कहा तो वह अपने जिगरी दोस्त की बात नहीं टाल पाया। उसके बाद परिजनों को उन दोनों के अलावा छोटू का शव बरामद हुआ। तीनों करीबी दोस्त थे ये साबित हो चुका है। ऐसे में लगता है कि रितेश के मन में पहले से कुछ चल रहा था। शायद इसी कारण उसने शानू को आखिरी बार साथ चलने को कहा। वहीं संभव है कि वहीं पिस्तौल लेकर भी आया। उसने तय कर लिया था कि अगर साथ जी नहीं सकते तो साथ मर जाएंगे। इस योजना में उसने छोटू को भी शामिल किया। उसके बाद तीनों ने काफी नशा किया और फिर अपने जीवन का अंत करने का निर्णय ले लिया। जानकारी हो कि मरने के बाद भी शानू व रितेश एक दूसरे के करीब थे। रितेश शानू की गोद के करीब बैठा हुआ था। वह शायद ये संदेह देना चाह रहा था कि मौत भी दोनों दोस्त को जुदा नहीं कर पाई। वहीं परिजनों को भी कहीं न कहीं इस बात का आभाष था कि नशे की आदत उनके लिए कहीं एक दिन काल न बन जाए। यहीं कारण है कि उनकी इस लत को छुड़ाने के लिए उन लोगों ने हर संभव प्रयास किया। लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके और तीन जवान बेटों की मौत का दर्द अब उन्हें जीवन भर सताता रहेगा।

हत्या, साजिश व आ‌र्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज : घटना को लेकर मृतक रितेश सुल्तानियां के पिता राजकुमार सुल्तानियां के बयान पर जसीडीह थाने में हत्या, साजिश व आ‌र्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दर्ज मामले में कहा गया है कि सोमवार की सुबह करीब 9:30 बजे उनका बेटा घर से ये कहकर निकला था कि वह एडमिट कार्ड लाने सत्संग कॉलेज जा रहा है। देर रात तक वह घर वापस नहीं लौटा। इसी बीच मंगलवार को उन्हें सूचना मिली कि बाघमारा बस स्टैंड के पास तीन युवकों का शव मिला है। वहां पहुंचने पर पाया कि उनमें से एक उनके बेटे का शव है। उनका आरोप है कि उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वहां दो अन्य शव शानू कुमार मिश्रा व शिवानंद सिंह का था। आरोप है कि उनकी साजिश के तहत हत्या कर शव को सुनसान जगह पर एक कमरे में रख दिया गया है। वहां एक पिस्तौल भी बरामद की गई है। जानकारी हो कि उक्त पिस्तौल पर किसी के अंगुली का निशान पुलिस की प्रारंभिक जांच में नहीं मिला है। पुलिस मामले से जुड़े हर पहलू की गहन जांच कर रही है। हत्या व आत्महत्या दोनों थ्योरी की जांच की जा रही है।

काफी नशा किया था तीनों युवकों : तीनों युवकों ने काफी नशा किया था। इन तीनों के पोस्टमार्टम के दौरान इस बात का पता चला है। जानकारी हो कि उपायुक्त के निर्देश पर दंडाधिकारी की मौजूदगी में तीन सदस्यीय डाक्टरों की टीम द्वारा तीनों के शव का मंगलवार की रात पोस्टमार्टम किया गया था। पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि तीनों की मौत गोली लगने से हुई है। शानू व छोटू के सिर के ऊपरी भाग में तो रितेश के माथा के आगे के हिस्सा में गोली लगी थी। रितेश की गोली माथे के पीछे के हिस्से से निकल गई थी। जबकि अन्य लोगों की गोली गर्दन के आसपास फंसी हुई थी। तीनों का वेसरा भी जांच के लिए रख लिया गया है। पुलिस को औपचारिक तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।


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