हत्या व आत्महत्या की थ्योरी को सुलझाने में जुटी पुलिस
कंचन सौरभ मिश्रा/भोला सिंह देवघर तीन युवकों का शव मिलने के बाद पुलिस हरकत में आ गई ह
कंचन सौरभ मिश्रा/भोला सिंह, देवघर : तीन युवकों का शव मिलने के बाद पुलिस हरकत में आ गई है। ये मामला हत्या या फिर आत्महत्या इस थ्योरी को सुलझाने का पुलिस प्रयास कर रही है। घटनास्थल पर तीनों का शव पुलिस ने एक छोटे से कमरे से बरामद किया है। पुलिस ने रितेश के शव के पास से लोडेड पिस्तौल बरामद की है। उस पर पिस्तौल का घोड़ा चढ़ा हुआ है। ऐसा लग रहा है कि उस पिस्तौल से एक और गोली चलाने का प्रयास किया गया। लेकिन जिसके हाथ में पिस्तौल था वह मर चुका था। पिस्तौल रितेश के शव के पास गिरा हुआ था। उसका हाथ भी कुछ इस कदर मुड़ा हुआ था जिससे अनुमान लगाया गया कि उसने ही गोली चलाई। तीनों युवकों के माथे में काफी करीब से गोली मारी गई। क्योंकि गोली लगने के साथ बारूद से चमड़ा झुलस जाने का भी निशान मौजूद है। रितेश व छोटू के माथे पर आगे से गोली लगी और पीछे के हिस्से से निकल गई। वहीं शानू के सिर में गोली फंसा हुई रह गई। मौके पर तीनों शव के पास काफी खून गिरा हुआ है। वहीं रितेश की ही जेब से एक खाली मैग्जीन व एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है। हालांकि मौके पर देखते ही कहीं भी ये नहीं लग रहा है कि गोली मारने से पहले किसी तरह की और हरकत हुई है। अगर ये हत्या है फिर इन तीनों के अलावा और लोग वहां मौजूद थे। ये भी संभव है कि इन तीनों के अलावा वहां सिर्फ एक और व्यक्ति मौजूद रहा हो। उसने तीसरे के साथ मिलकर दो को पहले मार दिया। फिर तीसरे को मारकर वह वहां से फरार हो गया। अगर ये आत्महत्या है तो आशंका है कि एक ने दो की हत्या कर दी। फिर खुद को गोली मार दी। अगर एक ने दो को गोली मारी तो सवाल उठता है कि उसने पहले एक को मारा फिर दूसरे को। उसने जब एक को मारा तो दूसरे ने विरोध क्यों नहीं किया, उसने भागने का प्रयास क्यों नहीं किया। क्योंकि मौके पर ऐसे कुछ निशान मौजूद नहीं है जिसे देखकर ये कहा जाए कि किसी ने विरोध किया या फिर भागने का प्रयास किया। साथ ही ज्यादा शोर भी नहीं मचा था। ये भी संभव हो सकता है कि तीनों काफी नशे में थे। नशा इतने कर लिया था कि अपने आप पर होश नहीं रहा होगा। इसी दौरान एक ने दो साथियों की हत्या कर खुद को गोली मार दी। हो सकता है कि तीनों ने साथ मर जाने का मन बना लिया और फिर अपनी इच्छा से गोली मार ली। पुलिस मामले से जुड़ी हर गुत्थी को बारीकी से सुलझाने का प्रयास कर रही है।
जीने का मन नहीं मैं मरना चाहता हूं : पुलिस ने मृतक रितेश के जेब से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। उसमें उसने अपना नाम, पिता व मां का नाम व पता ऊपर में लिखा है। साथ ही लिखा है कि मुझे जीने का मन नहीं है मैं मरना चाहता हूं। मेरे मरने का जिम्मेवार कोई नहीं है। मैं अपने मन से मरने जा रहा हूं। मुझे इच्छा मृत्यु चाहिए। मेरे मरने के बाद किसी पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। मुझे शुरू से मरने का मन था लेकिन मैं कुछ समय अपने परिवार के साथ व्यतीत करना चाहता था। ये अब पूरा हो गया। मेरे मरने के बाद मेरी मां को सरकार से कुछ मुआवजा दे दिया जाए। तभी मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। क्योंकि मेरे घर की आर्थिक स्थिति खराब है। पत्र में कुछ शब्द को घेरा लगा दिया गया है। वहीं कागज भी कुछ जगहों से फटा हुआ है। इस सुसाइड नोट की गुत्थी पुलिस सुलझाने का प्रयास कर रही है।
मां ने मना किया फिर भी घर से निकल गया शानू : शानू के पिता मनोज कुमार मिश्रा प्राइवेट बस स्टैंड में काम करते हैं। उनके चार बच्चे थे, तीन लड़की व एक एकमात्र लड़का। शानू चारों में सबसे छोटा था। लेकिन उसे नशे की बुरी लत लग गई थी। इस लत को छुड़ाने के लिए दो माह पूर्व ही उसकी शादी जमुई जिला के लक्ष्मीपुर थाना के दिग्घी गांव निवासी पूजा कुमारी से करा दी थी। घर वालों को लगा कि वह शादी के बाद सुधर जाएगा। शानू ने इंटर के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। रितेश व शानू करीबी मित्र थे। नशा की लत छुड़ाने के लिए दोनों दोस्त को परिजनों ने अलग कर दिया था। रितेश ने सोमवार सुबह करीब 11 बजे किसी दूसरे फोन से शानू को फोन किया था। उसने शानू को साथ चलने को कहा। लेकिन पहले शानू ने उसे मना कर दिया। लेकिन रितेश ने कहा कि एक आखिरी बार साथ चलो। वह अपने जिगरी दोस्त की बात नहीं टाल पाया। मां, पत्नी, उसकी सास व अन्य परिजनों ने उसे बाहर जाने से मना किया। लेकिन वह सबकी बात काटकर घर से चला गया। उसने कहा था कि वह जल्दी ही आ जाएगा। 12 बजे के आसपास उसकी पत्नी से बात हुई थी और उस वक्त भी उसने कहा था कि जल्दी आ जाएगा। लेकिन वह देर रात तक नहीं आया। ये भी पता चला कि उसका सोशल साइट रात 12 बजे तक ऑनलाइन था। हालांकि उसने किसी को कोई जबाव नहीं दिया। पूरी रात जब वह नहीं आया तो बहनोई मनीष कुमार ने इसकी सूचना सुबह नगर थाना पुलिस को दे दी। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर तलाश शुरू की तो तीनों का शव बरामद किया गया। वहीं रितेश के चाचा ने बताया कि चार भाई बहनों में रितेश सबसे छोटा था। वह सुबह घर से थोड़ी देर में लौटकर आने की बात कहकर निकला था और बाद में उसकी मौत की सूचना मिली। रितेश के पिता राजकुमार सुलतानियां की छोटा सी कपड़े की दुकान है और उनके घर की माली हालत बहुत ठीक नहीं है। वहीं छोटे के पिता कुलदेव प्रसाद सिंह पेशे से कंपाउंडर हैं। वह अपनी नानी के घर में रहता था। यहीं से सोमवार की सुबह वह बाइक से निकला था और फिर उसकी मौत की जानकारी प्राप्त हुई। छोटू के दो और भाई है। तीनों में छोटू सबसे छोटा था। तीनों युवकों की मौत से पूरे परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
नशे की लत ने ले ली जान :
तीनों युवकों को नशे की बुरी लत थी। जानने वालों ने बताया कि उनकी इसी लत के कारण उनके परिजन काफी परेशान रहते थे। शानू व रितेश बहुत गहरे मित्र थे। छोटू भी इन दोनों का काफी करीबी था। शानू के पिता ने तो उसके घर से बाहर निकलने पर ही रोक लगा दी थी। उसकी शादी भी इसी लत को छुड़ाने के लिए की गई थी। परिजनों के कहने पर शानू ने रितेश का नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। बताया जाता है कि नशे के लिए पैसा नहीं मिलने पर वे चोरी भी कर लेते थे। एक बार इनमें से दो युवकों को पुलिस ने चोरी व नशा करते पकड़ा भी था। लेकिन बाद वे छूट गए थे। उनकी हरकतों से परेशान हो चुके परिजनों के चेहरे पर दुख तो था लेकिन ये भी नजर आया कि उन्हें पहले से किसी अनहोनी की आशंका थी। काफी मना करने पर भी वे तीनों अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे। इन तीनों की मौत के वजह भी नशा ही है।
घटनास्थल से थोड़ी दूर पर बरामद हुआ बाइक : घटनास्थल के थोड़ी दूर पर सोमवार की रात पुलिस ने एक बाइक बरामद की थी। बाद में पता चला कि ये बाइक छोटू की थी। रात किसी ने 100 नंबर पर सूचना दी कि एक बाइक लावारिस हालत में काफी देर से रखी हुई है। इस सूचना पर जसीडीह पुलिस की गश्ती दल ने मौके पर पहुंचकर बाइक को जब्त कर लिया। लेकिन उस वक्त ये पता नहीं चला कि बाइक किसकी है। साथ ही थोड़ी दूर पर तीनों दोस्तों के शव का भी पता नहीं चल पाया। बाद में पता चला कि ये बाइक छोटू की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाइक लगाकर तीनों उस कमरे में जाकर नशा करने लगे जहां से उनका शव बरामद किया गया। संभव है कि उस जगह पर वे पहले भी आते रहे हों।
गोली की आवाज किसी ने नहीं सुनी : हैरान करने की बात है कि रात के वक्त गोली चली और वहां आसपास रहने वाले किसी ने इसकी आवाज नहीं सुनी। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ भी की लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। घटनास्थल से कुछ कदम की दूरी पर गिधनी मोड़ के पास सीएसपी का संचालन करने वाले रोहिणी गांव निवासी कुमार देव अपनी पत्नी, बेटा व भतीजी के साथ पिछले तीन वर्ष से रह रहे हैं। उनकी पत्नी कुमारी अरिबा चांदन के सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। उसने बताया कि देर शाम वह काम से लौैटा तो उसके सिर में तेज दर्द हो रहा था। रात करीब 10:30 बजे वे लोग सो गए। आसपास के लोग भी करीब 11 बजे तक जगे हुए थे। लेकिन किसी ने भी आवाज नहीं सुनी। दिन में पुलिस के आने पर पता चला कि तीन युवकों के शव के मिले हैं। इस इलाके में अभी नए घर बन रहे हैं। कुछ घरों में लोग रहते हैं तो कुछ में काम करने वाले मजदूर।
मौके पर पहुंचा खोजी कुत्ता व फॉरेंसिक टीम : मामले की जांच के लिए दुमका से खोजी कुत्ता मंगाया गया। कुत्ता वहां से कुछ दूरी पर जाकर एक जोरिया के पास रूक गया। इस कारण इससे पुलिस को कुछ खास लाभ नहीं मिला। इसके साथ ही फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर वहां मौजूद साक्ष्य का गहन अध्ययन किया। कुछ अंगुलियों के निशान भी इक्ट्ठा किए गए। वहीं कुछ अन्य सामान भी जांच के लिए जब्त किया गया। पुलिस पिस्तौल पर मौजूद अंगुलियों के निशान के बारे में भी पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए मृतकों के अंगुलियों का भी निशान लिया गया है। साथ ही तीनों के मोबाइल को भी पुलिस खंगाल रही है। किन लोगों से बात हुई। क्या किसने मैसेज किया। अंतिम बार किससे बात हुई और किसने मैसेज भेजा इस सभी बातों की छानबीन की जा रही है। वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, डीएसपी मंगल सिंह जामूदा, नगर थाना प्रभारी दयानंद आजाद, जसीडीह थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह, कुंडा थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह, खुफिया विभाग की टीम, अन्य पुलिस पदाधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की गहन छानबीन की। तीनों युवकों के परिजनों व करीबी लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम :
तीनों युवकों का पंचनामा तैयार करते-करते देर हो गई। इस कारण प्रशासन के विशेष निर्देश पर देर शाम को तीनों का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया। टीम में डॉ. दिवाकर पासवान, डॉ. अनिकेत, डॉ. प्रेम प्रकाश शामिल थे। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। वहीं इसके लिए लाइट का भी विशेष इंतजाम किया गया। पोस्टमार्टम से पहले तीनों युवकों के शव का एक्स रे किया गया ताकि गोली के बारे में पता लगाया जा सके। वहीं पोस्टमार्टम के दौरान मौके पर तीनों के परिजनों, जानने वाले और काफी संख्या में पुलिस कर्मी मौजूद थे।
दहाड़ मारकर रो पड़े परिजन : तीनों युवकों के परिजन दहाड़ मारकर रो पड़े। घटनास्थल पर रितेश की मां व पिता पहुंचे तो माहौल गमगीन हो गया। उसकी मां ने दहाड़ मारते हुए कहा कि एक बार बेटे का चेहरा देखने दो। लेकिन उन्हें वहां से दूर हटा दिया गया। इस दौरान कुछ पत्रकारों ने फोटो लेना चाहा तो मां ने इसके लिए मना कर दिया। उसके चाचा भी मौके पर पहुंचे थे। वहीं शानू के पिता व अन्य परिजनों भी मौके पर पहुंच गए। पिता अपने एकलौते पुत्र के मारे जाने से इतने दुखी थे कि उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। काफी देर बाद वे जमीन पर बैठकर रोने लगे। वहीं छोटू के पिता सदर अस्पताल पहुंचे और उसके बाद उनका आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा था। उनके साथ परिवार के अन्य लोग भी यहां आए थे। जिसने भी घटना के बारे में जाना उसी ने दुख व्यक्त किया।