बंगाली धर्मशाला निगम की संपत्ति, कब्जा करने पर होगी कानूनी कार्रवाई
जागरण संवाददाता देवघर बंगाली धर्मशाला निगम की ही संपत्ति है। निगम के पास इससे जुड़े सभी द
जागरण संवाददाता, देवघर : बंगाली धर्मशाला निगम की ही संपत्ति है। निगम के पास इससे जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं। कोई भी निगम के दखल को नकार नहीं सकता है। यह कहना है निगम प्रशासक शैलेंद्र कुमार लाल का। उन्होंने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई भी निगम की इस संपत्ति पर अपना हक जताता है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह भी कहा कि निगम की संपत्ति पर भूमाफिया ऐन-केन प्रकार से अपनाने के फिराक में है लेकिन उनकी यह मंशा कभी कामयाब नहीं होगी। विभागीय स्तर पर ऐसे भूमाफिआ के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर तैयारी भी की जा रही है।
निगम के इस दावे को उस वक्त और मजबूती मिली जब बंगाली धर्मशाला के वंशज ने निगम को लिखकर बताया कि उनके पूर्वज ने बंगाली धर्मशाला को निगम को दानस्वरूप दिया था। इस संबंध में रिखिया थाना क्षेत्र के रामपुर निवासी रिचा राय का कहना है कि निगम को 15 हजार रुपये देकर धर्मशाला को देखरेख के लिए दिया गया था। दान देते वक्त यह कहा गया था कि भवन का इस्तेमाल केवल धर्मशाला के लिए किया जाए। 2008 में रिचा राय की दादी अनिमा राय की माली हालत काफी खराब हो गई थी। उन्हें उस वक्त पैसे की अति आवश्यकता थी। इसी को लेकर उनकी दादी से पैसों का दबाव देकर कुछ लोगों ने सादे कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया था। कोलकाता के धर्मतल्ला स्थित किसी धर्मशाला में उसका (रिचा राय) का हस्ताक्षर ले लिया था। चूंकि वह उस वक्त नाबालिक थी। दादी की माली हालत को देखते हुए उस वक्त कोई भी सवाल नहीं उठा सकी। उनकी दादी को नौ लाख रुपये देकर ठग लिया गया था। वंशज होने के नाते रिचा ने दूसरे पक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
13500 वर्गफीट में अवस्थिति बंगाली धर्मशाला इन दिनों मालिकाना हक को लेकर विवादों में है। एक पक्ष की ओर से उक्त संपत्ति पर दावा करते हुए रजिस्ट्री करा लेने की बात कही जा रही है, जबकि निगम मजबूती के साथ संपत्ति पर अपना दावा कर रही है। धर्मशाला के समीप बकायदा निगम की ओर बार्ड भी लगा दिया गया है। जिसमें निगम की संपत्ति बताया गया है। विभागीय स्तर पर धर्मशाला से जुड़ी दस्तावेज खंगालने में जुटी है। रजिस्ट्री के दावे को भी सत्यापित करने में जुटी है। बहरहाल दस्तावेज के आधार पर टिका है बंगाली धर्मशाला का भविष्य।