कोरोना काल में मनरेगा बना मजदूरों का सहारा
संवाद सहयोगी करौं (देवघर) हर हाथ को मिलेगा काम कोई नहीं रहेगा बेकार संकट में
संवाद सहयोगी, करौं (देवघर) : हर हाथ को मिलेगा काम, कोई नहीं रहेगा बेकार संकट में मनरेगा से जलेगा घर का चूल्हा। गांव-घर में रहनेवाले लोगों के लिए मनरेगा वरदान साबित हो रहा है, अभी जिस प्रकार का संकट है। रोजी-रोजगार सबसे बड़ी समस्या बन गयी है। ऐसे में मनरेगा में काम कर कई लोग परिवार की जीविका चला रहे हैं। प्रखंड में 4474 परिवार को मनरेगा से रोजगार मिला है। यह परिवार पूरे मिनी लॉकडाउन में अपने गांव-घर में मजदूरी कर रहे हैं। किसी परिवार से एक सदस्य तो किसी परिवार से दो सदस्य मजदूरी कर रहे हैं। अभी हरेक गांव में मनरेगा से एक-दो योजना संचालित की जा रही है। जिससे लोगों को अच्छी कमाई हो रही है। घर का चूल्हा चौका भी चल रहा है। इधर, गांव-घर के मजदूरों के लिए अच्छी खुशखबरी है। पहले जिस गांव में एक-दो योजना संचालित थी, अब उन गांवों में अधिक योजनाओं के संचालन की योजना बनी है ताकि लोगों को अधिक से अधिक दिनों तक काम मिल सके।
इन योजनाओं में मिल रहा रोजगार : वर्तमान में संचालित सिचाई कूप, डोभा, जल संग्रहण टैंक, दीदीबाड़ी, पीएम आवास समेत कई अन्य योजनाओं में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मजदूरों द्वारा काम मांगें जाने पर तुरंत रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास चल रहा है। कारण कोरोना काल में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित हो रही है। जिसमें मजदूरों को काम करने की छूट दी गई है।
योजनास्थल पर बरती जा रही सावधानियां : खास बात यह है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मनरेगा कार्य स्थल पर विभाग की ओर से काफी सावधानियां भी बरती जा रही हैं। कार्य कर रहे मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है। कार्यस्थल पर मनरेगा मजदूरों को शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क लगाकर कार्य करने, स्वच्छता के लिए साबुन से हाथ धोने, छाया की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था और मेडिकल किट सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। मजदूर शारीरिक दूरी बना कर कार्य कर रहे हैं। मुंह-नाक को गमछा या मास्क से ढंक रहे हैं।