हम सबकी सुनें, हमारी भी सरकार सुने
कोविड-19 में गरीब व मजूदरों को रोजगार देने का बड़ा हथियार मनर
जागरण संवाददाता, देवघर
कोविड-19 में गरीब व मजूदरों को रोजगार देने का बड़ा हथियार मनरेगा की गति भी मनरेगाकर्मियों की हड़ताल से मंद पड़ रह है। मनरेगाकर्मियों का कहना है कि हमलोग तो सबकी सुनते हैं लेकिन हमारी सुननेवाला कोई नहीं है। मजबूरन हड़ताल पर जाना पड़ा। मनरेगाकर्मी अपने पांच सूत्री मांगों के समर्थन में 27 जुलाई से राज्यव्यापी हड़ताल पर हैं। मनरेगाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा। हालांकि प्रशासन का दावा है कि देवघर जिले में काम पर आनेवाले मजदूरों का कोई भुगतान लंबित नहीं है। इतना ही नहीं, हड़ताल के दौरान कई स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्थाएं कर विकास को गतिमान रखने की भी भरसक पहल हो रही है।
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ये है वैकल्पिक व्यवस्था
देवघर जिले में मनरेगा के तहत रोजगार देने की गारंटी को ध्यान में रखते हुए हड़ताल अवधि में जिले के 194 पंचायतों में हड़ताल पर गए पंचायत सचिवों का प्रभार रोजगार सेवकों को देकर काम को जारी रखने की पहल हो रही है। योजनाओं की मापी के लिए 14वें वित्त के पंचायती राज विभाग के कनीय अभियंताओं का सहारा लिया जा रहा है। जिले में तकरीबन दो दर्जन कनीय अभियंताओं को क्रियाशील बनाया गया है। योजना स्थल पर देखरेख और मास्टर रोल के लिए जेएसपीएसएल की तेज-तर्रार दीदीयों पर जिम्मेवारी तय की गई है।
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हड़ताल की वजह से योजनाओं की संख्या में कमी
27 जुलाई से पहले देवघर जिला में मनरेगा के तहत 4400 योजनाओं पर कार्य चल रहा था। इन योजनाओं में 22 हजार मजदूर काम कर रहे थे। हड़ताल के बाद इसमें लगातार कमी दर्ज हुई है। गुरूवार को देवघर जिला के सभी 10 प्रखंडों में मनरेगा की 3566 योजनाओं पर काम चल रहा है और आज के दिन 15800 मजदूर काम कर रहे हैं। अभी बिरसा मुंडा आम बागवानी के तहत आम की बागवानी, ट्रेंच कटिग और पीएम आवास निर्माण में मजदूरों को काम मिल रहा है।
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ये है प्रखंडवार संचालित योजनाओं की संख्या
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प्रखंड - संचालित योजनाएं
देवघर - 399
देवीपुर - 377
करौं - 186
मधुपुर - 251
मारगोमुंडा - 320
मोहनपुर - 641
पालोजोरी - 398
सारठ - 488
सारवां - 243
सोनारायठाढ़ी - 263
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वर्जन
हड़ताल की वजह से काम पर असर नहीं पड़े इसके लिए तमाम वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। मजदूरों का भुगतान भी अप टू डेट है। प्रयास हो रहा है कि विकास की गति बरकरार रहे।
शैलेंद्र कुमार सिन्हा, डीडीसी, देवघर