धुआं जांच केंद्रों में लग रही लंबी लाइन
नए ट्रैफिक नियम के लागू होने के पहले दस दिनों में 1 लाख 57 हजार की वसूली
संवाद सहयोगी, देवघर: पहली सितंबर से नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों व डीटीओ कार्यालय में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोग ड्राइविग लाइसेंस व धुआं जांच के लिए घंटों लंबी कतार में खड़े रहने नजर आते हैं। बताते चलें कि नया मोटर वाहन कानून में यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पुलिस की धर पकड़ तेज होने के बाद जुर्माने के डर से ड्राइविग लाइसेंस बनवाने और धुआं जांच के लिए केन्द्र में लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। पता हो कि देवघर शहर में आधा दर्जन धुआं जांच केन्द्र संचालित है फिर भी यहां जांच के लिए वाहन चालकों की लंबी कतार देखी जा रही है। केन्द्र खुलने से पहले ही लोगों की कतार लगनी शुरू हो जाती है। जांच कराने आये लोगों ने बताया कि मात्र धुआं जांच के लिए दो से तीन घंटे कतार में खड़ा रहना पड़ता है। दो पहिया वाहन की धुआं जांच के लिए 50 रूपये, तीन पहिया के लिए 80 रूपये, चारपहिया के लिए 120 रूपये, मध्यम वाहनों के लिए 200 रूपये व भारी वाहनों के लिए 300 रूपये शुल्क तय किया गया है। नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद पिछले दस दिनों में यातायात पुलिस की ओर से शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर सघन वाहन चेकिग अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान बिना हेलमेट व ड्राइविग लाइसेंस के वाहन चलाने वालों सहित यातायात नियमों के उल्लंघन करने वालों से भारी जुर्माना वसूल किया जा रहा है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पहली सितंबर के बाद पिछले दस दिनों में यातायात नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों से 1,57000 की राशि जुर्माने के रूप में वसूली की गई है। जुर्माने के डर से लोग पैदल या ऑटो से चलना पसंद कर रहे हैं। अभिभावक भी भारी फाइन के डर से अपने नाबालिग बच्चों को बाइक या स्कूटी देने से कतरा रहे हैं और बच्चों को पैदल चलने की नसीहत दे रहे हैं। बाइक और स्कूटी से बाजार में फर्राटे भरने वाले युवक युवतियां अब इक्का दुक्का ही नजर आते हैं। बाजार में एकाएक हेलमेट की बिक्री में भारी वृद्धि देखी जा रही है। हलांकि पुलिस की सख्ती दो पहिया वाहनों चालकों पर ज्यादा दिख रही है। बाजार में धुआं छोड़ने वाले ऑटो व पुराने जर्जर वाहन अब भी चलते देखे जा सकते हैं। लोगों में यह चर्चा भी आम है कि अन्य राज्यों की देखा देखी झारखंड में भी रघुवर सरकार जुर्माने की राशि कम करने पर विचार कर रही है।