जेल से छूटे विधायक प्रदीप यादव, 2 महीने 8 दिन बाद खुली हवा में ली सांस Deoghar News
सोमवार को दोपहर बाद रांची से देवघर केंद्रीय कारा को जमानत की आर्डर की काॅपी मिली। प्रदीप यादव पर अपनी ही पार्टी की नेत्री के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है।
देवघर, जासं। यौन उत्पीड़न के मामले में जेवीएम नेता सह पौडै़याहाट के विधायक प्रदीप यादव सोमवार को केंद्रीय कारा देवघर से जमानत पर बाहर निकले। निचली अदालत में जमानत याचिका निरस्त होने के बाद 21 अगस्त को उनके अधिवक्ता ललित यादव ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। 11 व 26 सितंबर को मामले में बहस होने के बाद 28 सितंबर को कोर्ट ने जमानत मंजूर करने का आदेश सुनाया।
इस मामले में विधायक के वकील ललित यादव ने एक सोची-समझी साजिश के तहत प्रदीप यादव को फंसाए जाने की बात कही है। उनके मुताबिक घटना के 13 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज होना एवं कई अन्य पहलू पर विचार करते हुए कोर्ट ने जमानत दी है। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोमवार को सिविल कोर्ट देवघर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कमल रंजन की अदालत में अधिवक्ता रामदेव यादव ने 10-10 हजार रुपये के दो बंद पत्र दाखिल कर जमानत के लिए आग्रह किया। इसे कोर्ट ने स्वीकृत कर लिया।
बता दें कि झाविमो की ही एक नेत्री ने प्रदीप यादव पर यौन उत्पीड़न करने समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसके उपरांत निचली अदालत में उनके अधिवक्ता रामदेव यादव ने अग्रिम जमानत याचिका प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयप्रकाश नारायण पांडे की अदालत में दाखिल की थी। इसे 18 मई को सेशन कोर्ट में सुनवाई के लिए भेजा गया। सेशन कोर्ट में पांच तिथियों पर मामले की सुनवाई हुई तथा 17 जून को अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई।
25 जुलाई को प्रदीप यादव ने सीजेएम की अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत याचिका दाखिल की। इसे सीजेएम ने खारिज कर दिया। 29 जुलाई 2019 को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेपीएन पांडेय की अदालत में जमानत याचिका दाखिल की गई। इसमें 30 सितंबर व 8 अगस्त को अभियोजन व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने बहस किया। इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। बहरहाल, प्रदीप यादव की जमानत होने पर परिजन एवं पार्टी कार्यकर्ताओं में हर्ष का माहौल है।