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कोरोना के बढ़ते रहे मामले तो कम पड़ जाएंगे बेड

जिले में कोरोना के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। संक्रमितों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। शुक्रवार व शनिवार को संक्रमितों की संख्या में अचानक आई उछाल ने प्रशासन व पब्लिक दोनों के होश उड़ा दिए। दो दिन में करीब 300 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें आम व खास सभी शामिल थे। वहीं जिले के आठ लोगों की अब तक कोरोना के कारण मौत हो चुकी है। मरीजों की संख्या बढ़ी तो इससे जुड़ी व्यवस्था की पोल खुल गई। पता चला कि कोरोना के खिलाफ जंग में उपलब्ध संसाधन काफी कम हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 07:38 AM (IST)
कोरोना के बढ़ते रहे मामले तो कम पड़ जाएंगे बेड
कोरोना के बढ़ते रहे मामले तो कम पड़ जाएंगे बेड

कंचन सौरभ मिश्रा, जागरण संवाददाता, देवघर : जिले में कोरोना के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। संक्रमितों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। शुक्रवार व शनिवार को संक्रमितों की संख्या में अचानक उछाल देखने को मिला। दो दिन में करीब 300 लोग संक्रमित पाए गए। आम व खास सभी शामिल थे। जिले के आठ लोगों की अब तक कोरोना के कारण मौत हो चुकी है।

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मरीजों की संख्या बढ़ी तो इससे जुड़ी व्यवस्था की पोल खुल गई। पता चला कि कोरोना के खिलाफ जंग में उपलब्ध संसाधन काफी कम हैं। अगर बेड की बात करें तो कोविड केयर सेंटरों, मां ललिता कोविड अस्पताल सहित अन्य सरकारी संस्थानों को मिलकर मुश्किल से 350 बेड उपलब्ध हैं। ऐसे में अगर मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ तो उन्हें बेड तक नहीं मिल पाएगा। इसके अलावा पूरे जिले में सिर्फ 24 वेंटिलेटर उपलब्ध है। इसमें से 15 मां ललिता कोविड केयर अस्पताल, चार सदर अस्पताल में व पांच यहां के विभिन्न निजी क्लीनिकों में उपलब्ध है। कई जगहों पर ऑक्सीजन सिलेंडर तक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं है। अन्य सुविधाओं का भी अभाव है। मां ललिता कोविड अस्पताल की बात करें तो यहां 13 बेड का आइसोलेशन वार्ड, 15 मॉनिटर, 21 आइसीयू मॉनीटर उपलब्ध है। फिलहाल यहां कोविड मरीजों के लिए 100 बेड हैं, लेकिन इसे बढ़ाकर तीन सौ बेड किया जा सकता है। यहां के अलावा सिर्फ सदर अस्पताल में आइसीयू की व्यवस्था है जिसका इस्तेमाल सामान्य मरीजों के लिए किया जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी डाक्टर व स्टाफ को लेकर है। जिले में पहले से डाक्टरों की कमी थी। उसपर से यहां के आधा दर्जन चिकित्सक कोविड की चपेट में आ चुके हैं। इनमें सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, करौं व सारठ के प्रभारी भी शामिल हैं।

कोरोना ने उनके खिलाफ जंग लड़ रहे बहुत से स्वास्थ कर्मियों को अपनी चपेट में ले लिया है। स्वास्थकर्मी के साथ-साथ उनका पूरा परिवार प्रभावित हो रहा है। समय-समय पर जांच किट की कमी हो जाती है। वहीं जो आसार हैं उसके मुताबिक कोरोना के खिलाफ जंग अभी लंबी चलनेवाली है ऐसे में संसाधनों की कमी और अधिक के कारण परेशानी बढ़ेगी।

सर्वे करनेवालों से कहीं चूक तो नहीं हो गई

पिछले दिनों अखबारों में खबर छपी कि देवघर कोरोना संक्रमण मामले में देश के दस सबसे संवेदनशील जिलों में शामिल है। ये खबर राष्ट्रीय स्तर की टीम द्वारा किए गए सर्वे पर आधारित थे। चूंकि सैंपल लिए जाने व रिपोर्ट आने के दौरान लंबा अंतराल था, इसी का परिणाम था कि इन 300 संक्रमितों में से जब बहुत की जांच हुई तो 124 लोग निगेटिव पाए गए। कुछ अन्य का अभी जांच होनी है और उम्मीद की जा रही है कि नेगेटिव मरीजों की संख्या और बढ़ेगी।

रविवार को सिर्फ 17 लोगों की ही रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

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सीमित संसाधनों में बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। यहां के कई डाक्टर व स्वास्थ कर्मी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इस कारण परेशानी अधिक है।

डॉ. विजय कुमार सिविल सर्जन, देवघर


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