मछली पालन से होगा आर्थिक उत्थान
जेएसएलपीएस कार्यालय के सभागार में शनिवार को मत्स्य विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ।
देवघर : जेएसएलपीएस कार्यालय के सभागार में शनिवार को मत्स्य विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें जिले के सभी प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, एफटीसी व जेएसएलपीएस के अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान इन्हें मत्स्य पालन से जुड़ी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रशांत कुमार दीपक ने बताया कि अर्थव्यवस्था में मछली पालन एक महत्वपूर्ण व्यवसाय होने के साथ-साथ इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मत्स्य पालन का अहम योगदान है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का आर्थिक उत्थान भी सहायक सिद्ध होता है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों व सखी मंडल की दीदियों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त करने में भूमिका निभा सकता है।
इसके अलावा प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य प्रसार पदाधिकारी रवेंद्र नाथ सहाय ने मत्स्य रोजगार के तरीके व सावधानियों के बारे में बताया। बताया कि मुख्य रूप से ठंडे स्थानों पर रोहू और कतला प्रजाति की मछली का पालन किया जा सकता है। वहीं सामान्य तापमान वाले स्थानों में सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प प्रजाति की मछली का उत्पादन कर आय बढ़ाया जा सकता है। जेएसएलपीएस के डीपीएम प्रकाश रंजन ने कोरोना काल के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में मत्स्य पालन कर आमदनी को बढ़ा सकते है। उपायुक्त नैंसी सहाय के निर्देश पर मत्स्य पालन से स्वयं सहायता के दीदियों को जोड़ने की पहल शुरू कर दी गई है।
मत्स्य पालन के खास बातें --- सुलभ,सस्ता और अधिक आय देने वाला --- स्वरोजगार उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण योजना --- संगठित तरीके से व्यवसाय की शुरुआत --- अनुकूल प्राकृतिक स्थिति --- पूरे समाज की बेहतरी --- लाभार्जन करने वाले सहायक उद्योग