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विरोध के कारण अतिक्रमण खाली कराने गए अधिकारी को बैरंग लौटना पड़ा

संवाद सहयोगी जसीडीह देवघर अंचल क्षेत्र के नावाडीह रेलवे फाटक समीप अतिक्रमण खाली करा

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:50 PM (IST)
विरोध के कारण अतिक्रमण खाली कराने गए अधिकारी को बैरंग लौटना पड़ा
विरोध के कारण अतिक्रमण खाली कराने गए अधिकारी को बैरंग लौटना पड़ा

संवाद सहयोगी, जसीडीह :

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देवघर अंचल क्षेत्र के नावाडीह रेलवे फाटक समीप अतिक्रमण खाली कराने बुधवार को गए दंडाधिकारी को बैरंग वापस लौटना पड़ा। मिली जानकारी के अनुसार रोहिणी नावाडीह रेलवे फाटक पर रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य के लिए जिला प्रशासन की ओर से दो साल पहले जमीन अधिग्रहण किया गया था। जिला प्रशासन की ओर से अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मौजूद रैयतों की मकान को खाली कराने का आदेश दिया गया था। इस दौरान अधिकतर विस्थापितों को मुआवजा नहीं मिलने के कारण आज तक अधिग्रहित जमीन को खाली नहीं किया गया है। संबंधित मामले को लेकर विस्थापित परिवारों की ओर से जिला के सभी वरीय अधिकारी को अवगत कराते हुए मुआवजा की मांग करते हुए विस्थापितों का लाभ देने का आग्रह किया गया था। लेकिन जिला प्रशासन की ओर से नजर अंदाज कर दिया गया। वहीं बुधवार को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह देवघर अंचलाधिकारी अनिल कुमार सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी मीनाक्षी भगत, जसीडीह इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी विक्रम प्रताप सिंह समेत भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी के साथ जमीन खाली कराने के लिए पहुंचे। लेकिन विस्थापित मुआवजे की मांग को लेकर विरोध करने लगे। जिसे देखते हुए पदाधिकारी ने खाली करने के लिए कुछ समय दे दिया। विस्थापित गणेश साह, छोटू साह, राधे साह, मकुन कुमार साह, पिटू साह, अरुण साह, गुड़िया देवी समेत दर्जनों विस्थापित परिवारों ने बताया कि व मुख्य रुप से नावाड़ीह गांव का रहने वाला है। 1936 के दौरान गांव में भयंकर बाढ़ के कारण जिला प्रशासन की ओर से हटाकर निवास के रूप में उक्त जमीन को दिया गया था। जिसका कागजात विस्थापितों के पास मौजूद है। विस्थापितों की मांग है कि उन्हें जिला प्रशासन की ओर से मुआवजा देते हुए पुनर्वास नीति के तहत सरकारी जमीन उपलब्ध कराई जाए। इस क्रम में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी ने बताया कि विस्थापित अपनी मांगों को लेकर सक्षम पदाधिकारी को आवेदन देकर मांग करें।


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