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बायो गैस प्लांट में वेस्ट फूड से बनेगी बिजली

अमित सोनी देवघर अक्सर लोग भोजन करने के बाद खाना कुछ भी छोड़ देते हैं। इसके अलावा होट

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 05:30 PM (IST)
बायो गैस प्लांट में वेस्ट फूड से बनेगी बिजली
बायो गैस प्लांट में वेस्ट फूड से बनेगी बिजली

अमित सोनी, देवघर : अक्सर लोग भोजन करने के बाद खाना कुछ भी छोड़ देते हैं। इसके अलावा होटल, रेस्टूरेंट, ढाबा में भी खाना खाने के बाद बचे हुए भोजन को या तो जहां-तहां फेंक देते हैं या नाला में बहाकर कर बर्बाद देते हैं। लेकिन इन्हीं बचे हुए से खाना का इस्तेमाल बिजली के रूप में किया जा सकता है। अब नगर निगम इन्हीं बचे हुए भोजन (किचन कचरा) से बिजली उत्पादन करेगा। बकायदा पछियारी कोठिया स्थित ठोस अपशिष्ट इकाई में इसको लेकर बायो गैस प्लांट भी स्थापित किया है। प्लांट का ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया है। पूरी तरह से चालू करने के लिए पर्याप्त मात्रा में वेस्ट फूड की दरकार है।

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वेस्ट फूड के सड़ने से बनेगी बिजली स्थापित बायो गैस प्लांट की क्षमता 10 केवी (किलोवाट) की होगी। तैयार होने वाली बिजली का प्रयोग प्लांट परिसर में बल्ब जलाने, पंखा, एसी, मोटर सहित अन्य चीजों में लाया जाएगा। इससे प्लांट में विद्युत उर्जा की खपत कम होगी। बिजली उत्पाद से पहले इसे कई प्रोसेस से गुजारा जाएगा। एमएसडब्ल्यू के कनीय अभियंता जय प्रकाश व प्रबंधक विशाल भट्ट ने बताया कि होटल, रेस्टूरेंट व घरों से किचन का कचरा यहां लाया जाएगा। जिसे यहां बने टैंक में डंप किया जाएगा। जिससे प्रोसेसिग यूनिट से जोड़ा गया है। डंप भोजन के सड़ने के बाद इससे गैस बनेगी, जो मुख्य मशीन तक जाएगी। फिर यहां से तैयार गैस बैलून में स्टोर होगा। फिर इसका इस्तेमाल बिजली के रूप में किया जाएगा। वहीं डंप किए कचरा से खाद्य भी बनाया जाएगा।

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पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है वेस्ट फूड उत्पाद को लेकर सबसे बड़ी समस्या पर्याप्त मात्रा में वेस्ट फूड का नहीं मिलाना है। निगम की ओर से उठाव कराए जा रहे कचरा में सूखा और गीला कचरा एक साथ हो रहा है। इसे अलग-अलग करने में काफी परेशानी होती है। वहीं होटल, रेस्टूरेंट सहित अन्य स्थानों से बचे हुए खाना को सही तरीके से ना तो रखा जाता है और ना ही इसे कचरा उठाव करने वाली गाड़ियों को दिया जाता है। इसी वजह से प्लांट को शुरू करने को लेकर परेशानी हो रही है। प्लांट के लिए कम से कम प्रतिदिन दो से तीन हजार किलोग्राम फूड वेस्ट की आवश्यकता होगी।

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पछियारी कोठिया में स्थापित बायो गैस प्लांट का इस्तेमाल होगा। शहरवासियों से अपील है कि सूखा और गीला कचरा को अलग-अलग कर कचरा उठाव करने वाले वाहनों को दें ताकि सूखा के साथ गीला कचरा को भी रिसाइकिल कर दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके।

शैलेंद्र कुमार लाल, नगर प्रशासक देवघर


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