मंदिर खोलने पर अब सरकार के फैसले का इंतजार
देवघर मंदिर खोलने की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक देवघर बंदी के बाद पंडा धर्मरक्षि
देवघर : मंदिर खोलने की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक देवघर बंदी के बाद पंडा धर्मरक्षिणी सभा अब सरकार की ओर देखने लगी है। इधर, केंद्र सरकार के सितंबर तक विशेष सावधानी बरतने जाने की सलाह के बाद मंदिर खोले जाने को लेकर मंथन का दौर जारी है। यह अलग बात है कि दूसरे प्रांतों में धार्मिक स्थल खुलने के बाद देवघर स्थित बाबा मंदिर को खोलने की मांग को लेकर सरकार पर चौतरफा दबाव है। वैसे भी मंदिर खोलने की वकालत कर रहे लोग भी भीड़ लगाने के पक्ष में नहीं है। सभी चाहते हैं कि सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर खुले तथा महामारी से बचने के लिए एक व्यवस्था विकसित की जाए। टीकाकरण पूरा कर चुके लोगों को पूजा की इजाजत मिलनी चाहिए।
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर का कहना है कि सरकार मंदिर खोलने को लेकर संज्ञान ले। उम्मीद है कि जल्द ही इस पर एक बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री कोई रास्ता निकालें। हालांकि, बंदी के बाद भी अबतक सरकार ने कोई बैठक नहीं की है।
झारखंड फेडरेशन आफ चैंबर आफ कामर्स के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक का कहना है कि मंदिर बंद होने की वजह से बाजार पर का खासा प्रभाव पड़ा है। उम्मीद है सरकार इस मसले पर जल्द निर्णय लेगी। हालांकि, देवघर की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है। कोशिश होनी चाहिए कि टीकाकरण करा चुके लोगों को आनलाइन स्लाट बुकिग एक सीमित दायरे में करते हुए पूजा की अनुमति दी जाए। इससे फायदा होगा दुकानदारों का घर परिवार चलता रहेगा।
संताल परगना चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष गोपाल शर्मा का कहना है कि मंदिर खोलने को लेकर यदि कोई आंदोलन होता है तो चैंबर साथ है। पर इस शर्त पर नहीं किबाजार या दुकानें बंद की जाएगी क्योंकि एक तो पहले से व्यापारी परेशान हैं। यदि प्रतिष्ठान बंद कर प्रतिरोध किया जाता है तो वह और भी पीड़ादायक होगा। सरकार पर भरोसा है कि वह बाजार के हालात को देखते हुए कोई सकारात्मक निर्णय लेगी।