न्याय के दरवाजे पर अन्याय
सारठ थाना में न्याय की आस लेकर पहुंची एक विवाहिता महिला को आखिर उसी मौलवी के साथ जाना पड़ा।
संवाद सहयोग, सारठ : : सारठ थाना में न्याय की आस लेकर पहुंची एक विवाहिता महिला को आखिरकार थाना में ही हुई सामाजिक पंचायती के बाद
उसी मौलवी पति के साथ ही घर लौटने के लिए विवश होना पड़ा। उसी के साथ महिला को लौटना पड़ा, जिस पर उसने जान का खतरा होने का आरोप लगाते हुए थाना में न्याय की गुहार लगाई थी।
बगड़बरा गांव के मौलवी लुकमान अंसारी रिजवी तीन बच्चा व पत्नी के साथ रहते हुए अपने से आधी उम्र की लड़की के साथ निकाह कर उसे घर ले आया तो इसका विरोध पत्नी ने किया। इस पर मौलवी ने पत्नी को मारपीट कर घर से निकाल दिया। तब पीड़िता अपने तीनों बच्चों के साथ मायके चली आई और यहां से मायके वालों के साथ सारठ थाना जाकर न्याय की गुहार लगाई। कहा कि उसका पति ओड़िशा के कटक से एक युवती के संग शादी कर घर ले आया है और अब उससे उसको जान का खतरा है। पुलिस ने इस मामले में शनिवार को आरोपित मौलवी को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
पीड़ित महिला भी थाना पहुंच कर पुलिस के समक्ष कहा कि उसके उसका पति व ससुराल वाले मारपीट कर रहे हैं। उसके जान को भी खतरा है। इसके उपरांत पुलिस ने नौ अगस्त को पीड़िता को फिर से थाना आने को कहा। नौ अगस्त को जब पीड़िता अपने परिजनों के साथ थाना पहुंची तो थाना में बगड़बरा, कपसा, समलापुर कचुवाबांक समेत कई गांव के दर्जनों लोग पहुंच हुए थे। सबने आपस मे पंचायती करने की सलाह दी। पीड़िता पुलिस के समक्ष गिड़गिड़ाते रही कि वह मौलवी पति के साथ नहीं जाना चाहती है। उसके जान को खतरा है लेकिन पीड़िता की फरियाद को किसी ने नहीं सुनी। थाने में समझौते का कागज बनाकर पीड़िता को उसके पति के साथ भेज दिया गया।
पीड़िता के परिजनों ने भी पुलिस को कहा कि मुखिया की उपस्थिति में पंचायती होने के बाद भी उनकी बेटी के साथ मारपीट कर घर से निकाल दिया गया, लेकिन इसके बावजूद थाने में तैयार समझौता के अनुसार उसे मौलवी पति के साथ विदा होना ही पड़ा।