कोरोना से पूरे परिवार ने डटकर मुकाबला किया
संवाद सहयोगी मधुपुर (देवघर) दृढ़ आत्मबल चिकित्सीय परामर्श का पालन कर और अपने शुभचित
संवाद सहयोगी, मधुपुर (देवघर) : दृढ़ आत्मबल, चिकित्सीय परामर्श का पालन कर और अपने शुभचितकों के सहयोग से पूरे परिवार के सदस्यों ने कोरोना को मात दी है। वह एक सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ मधुपुर शहर का प्रमुख इंटरनेट सेवा प्रदाता भी हैं। प्रमोद विद्यार्थी ने बताया कि रेलवायर इंटरनेट सेवा प्रदान करने के क्रम में मुझे उपभोक्ताओं के घरों में जाना पड़ता है। इसी क्रम में 20 अप्रैल से मुझे शरीर में दर्द व सिर में दर्द का एहसास होने लगा। पहले तो चिकित्सीय सलाह लेकर दवा खाने लगा। लेकिन सुधार नहीं होने पर 28 अप्रैल को अपना और पूरे परिवार का कोरोना टेस्ट अनुमंडल अस्पताल मधुपुर में कराया। जिसमें उनकी पत्नी और दोनों बेटियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसके बाद वह देवघर के सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी को वाट्सएप पर रिपोर्ट भेजा और उनके द्वारा परामर्श दवा परिवार के सभी सदस्यों ने लेना शुरू कर दिया। साथ ही हम सब चारों अलग-अलग कमरे में आइसोलेट हो गए। चिकित्सीय इलाज के साथ-साथ दिन में तीन से चार बार स्टीम लेना गर्म पानी से दो बार गरारा करना, काढ़ा पीना, गर्म पानी पीना, सुबह 15 मिनट का आसन और प्राणायाम करना हमारे परिवार की दिनचर्या का अंग बन गया। घर के अंदर भी हमलोग सभी मास्क लगाकर रहते थे और अभी भी मास्क उपयोग करते ही हैं। फिर डॉक्टर के सलाह पर हम लोगों ने आठ मई को फिर से फॉलोअप टेस्ट कराया तो हम सबों की रिपोर्ट निगेटिव आई। इस बीच पूरा परिवार जरा सा भी भयभीत नहीं हुआ और तमाम सावधानियों को बरतते रहे। मेरे परिवार का कोई भी सदस्य इस बीच घर से बाहर नहीं निकला। कोरोना वारियर्स हेल्प ग्रुप के सदस्य कन्हैया लाल कन्नू, डॉक्टर मुखर्जी, गौरव मोदी, मेरे प्रारंभिक गुरु के पुत्र परमानन्द ठाकुर जो महेंद्र मुनि श्री ताराचंद आश्रम के शिक्षक हैं ने दवा पहुंचाने का काम किया। मैं और मेरे परिवार ने इस संक्रमण काल में कोरोना का डटकर मुकाबला किया। नियमित व्यायाम, साहित्यिक किताबें पढ़ना व अपने बहुमूल्य उपभोक्ताओं को ऑनलाइन सपोर्ट देना दिनचर्या था। कोरोना से उबरने के बाद भी स्टीम लेना, गर्म पानी पीना अभी भी है। मास्क का उपयोग घर के बाहर और अंदर करते हैं।