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लोकल ट्रेन के चलते ही गुलजार हो गया वीरान जसीडीह रेलवे स्टेशन

संवाद सहयोगी जसीडीह लॉक डाउन के दौरान लगभग साढे़ आठ माह बाद लोकल ट्रेन के चलने से व

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:39 PM (IST)
लोकल ट्रेन के चलते ही गुलजार हो गया वीरान जसीडीह रेलवे स्टेशन
लोकल ट्रेन के चलते ही गुलजार हो गया वीरान जसीडीह रेलवे स्टेशन

संवाद सहयोगी, जसीडीह: लॉक डाउन के दौरान लगभग साढे़ आठ माह बाद लोकल ट्रेन के चलने से वीरान जसीडीह स्टेशन पर रौनक लौटी है। बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा था। पैसेंजर के चेहरे पर खुशी और स्टेशन पर ट्रेन के आने की सूचना का प्रसारण एकाएक यह याद करा गया कि कैसा सूना सूना सा लग रहा था। लगभग सभी लोकल ट्रेन चली है। अब प्रतिदिन यह गाड़ी तय समय पर चलेगी। इसमें जसीडीह-आसनसोल, जसीडीह-बैद्यनाथधाम, जसीडीह-रामपुर हाट, अंडाल-बांका लोकल ट्रेन शामिल है।

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सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बीच जसीडीह आसनसोल के बीच 63570 नंबर की गाड़ी 6 बज कर 30 मिनट पर आसनसोल के लिए रवाना होगी। पांच लोकल ट्रेन चलाया गया है। जसीडीह बैद्यनाथधाम के बीच के बीच 63151 नंबर की ईएमयू 5 बजकर 40 मिनट पहली सवारी गाड़ी होगी। 63157 नंबर की गाड़ी 12 बजकर 30 63161 नंबर की गाड़ी 16 बजकर 40 मिनट तक पांच फेरा चलेगी। दुमका-जसीडीह के बीच 16 बजे जसीडीह स्टेशन से खुलेगी। 73537 नंबर की बांका अंडाल लोकल सवारी गाड़ी अंडाल से 6:35 पर खुलकर 10:15 पर जसीडीह पहुंचेगी। पुन: गाड़ी 14 बजकर बजकर 25 मिनट पर जसीडीह से अंडाल के लिए रवाना होगी।

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लॉक डाउन के कारण बीते नौ महीने से घर में बेरोजगार पड़े थे। ट्रेन की शुरुआत होने के साथ ही अपनी रोजगार की तलाश में निकल पड़े हैं।

पंकज कुमार, बांका

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लाइफ लाइन बंद होने से सब कुछ बेकार पड़ा था। कुछ गाड़ी के शुरुआत होने से स्थानीय लोगों की समस्या का समाधान नहीं हुआ था। अब लोकल चलने से राहत हुई है।

दीपक कुमार, रानीगंज

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निवासी ने बताया कि वह बंगाल में मजदूरी का काम करता था। ट्रेन बंद होने से मजदूर वर्गो को रोजगार के लिए काफी भटकना पड़ता था। मजदूर दूर दराज की क्षेत्रों में जाकर रोजगार खोज सकते हैं।

प्रदीप यादव, बौंसी (बिहार)

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कोरोना को लेकर ट्रेन बंद होने के बाद बस और ऑटो में यात्रियों से कई गुना अधिक भाड़ा वसूला जाता था। जिससे गरीबों को परेशानी हुई।

भवेश कुमार, दुमका

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असुविधा के कारण छात्रों की कड़ी मेहनत बेकार हो गई। सरकार छात्रों के लिए कुछ अलग व्यवस्था करे ।

शंभू कुमार, लोहारी निवासी

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रोजगार की तलाश में आज भी भटक रहे हैं। ट्रेन की शुरुआत होने पर अन्य स्थानों पर जाकर रोजगार की तलाश करेंगे।

राहुल कुमार, लाहाबन


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