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नारकीय जीवन जी रहे कैराबांक पंडित टोला के ग्रामीण

संवाद सहयोगी सारठ सारठ प्रखंड के ग्राम पंचायत कैराबांक पंडित टोला के ग्रामीण नारकीय

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 09:00 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 09:00 AM (IST)
नारकीय जीवन जी रहे  कैराबांक पंडित टोला के ग्रामीण
नारकीय जीवन जी रहे कैराबांक पंडित टोला के ग्रामीण

संवाद सहयोगी, सारठ : सारठ प्रखंड के ग्राम पंचायत कैराबांक पंडित टोला के ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। इतना ही नहीं, ये सरकारी योजनाओं के लाभ से भी वंचित हैं। इस टोला में एक दर्जन से अधिक वैसे परिवार हैं जिनका घर जीर्ण-शीर्ण और जर्जर है लेकिन फिर भी उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं सका है। पंडित टोला की सड़कें वर्षों से कीचड़युक्त रहने के बावजूद भी इसका निर्माण नहीं हो सका है। ग्रामीण फाल्गुनी पंडित, मणि पंडित, सुगदेव पंडित, विमल पंडित, कमल पंडित, बद्री पंडित, भथिया देवी, आंनदी देवी, सुकदेव पंडित ने कहा कि टोले में जल सहिया शाहीना परवीन द्वारा करीब डेढ़ दर्जन शौचालय बनवाया जा रहा है, इसमें लाभुक को महज नौ हजार रुपये ही दिया जा रहा है, जबकि सरकार द्वारा प्रति शौचालय 12 हजार देने का प्रावधान है। ऐसे में लाभुक द्वारा जैसे-तैसे शौचालय बनवाया जा रहा है। टोले के लोगों ने पंचायती राज व्यवस्था पर विरोध जताते हुए कहा कि उनलोगों ने प्रधानमंत्री आवास के लिए कई बार पंचायत की मुखिया नीलम देवी को आवेदन दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वहीं शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार के जगह नौ हजार देने की भी शिकायत की, लेकिन मुखिया ने शिकायत को भी गंभीरता से नहीं लिया। उक्त टोले में कई परिवार काफी गरीब हैं, लेकिन उन्हें राशन कार्ड भी नहीं मिला है, जबकि राशन कार्ड के कई बार मुखिया और बीडीओ को आवेदन दिया था। टोले में कई विधवा महिलायें हैं जो जिदगी के अंतिम दौर से गुजर रही है, लेकिन फिर भी उन्हें विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल सका जबकि सरकार सभी विधवाओं को पेंशन देने की घोषणा करते हैं।

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क्या कहती हैं मुखिया

इस संदर्भ में कैराबांक मुखिया नीलम देवी का कहना है कि पंचायत के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। जबकि मुखिया के पांच साल के कार्यकाल अब समाप्त होने को है। ऐसे में समझा जा सकता है कि पांच साल के कार्यकाल में भी यदि पंचायत के लोगों तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुंची और लोग अपने वाजिब हक से वंचित है। वहीं इस संदर्भ में बीडीओ साकेत कुमार सिन्हा ने कहा कि यदि शौचालय निर्माण में जल सहिया द्वारा राशि की बंदरबांट की जा रही है तो ग्रामीण लिखित शिकायत करें, जांच कर दोषी पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी, वहीं कहा कि पीएम आवास के लिए खुद गांव जाकर जांच करेंगे और गृह विहीन परिवार को प्राथमिकता देकर उन्हें आवास योजना से जोड़ा जायेगा।


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