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मेहनत के पसीने से सींची फूलों की बगिया

अपने लगन से परंपरागत कृषि को दी अलग पहचान नर्सरी को देख अर्जुन की तारीफ में कसीदे पढ़ने से नहीं रोक पाई डीसी खेती के सहारे हुई आर्थिक स्थिति मजबूत संवाद सहयोगी करौं (देवघर) कहा जाता है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने की चाह ह

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jul 2020 05:13 PM (IST)
मेहनत के पसीने से सींची फूलों की बगिया
मेहनत के पसीने से सींची फूलों की बगिया

संवाद सहयोगी, करौं (देवघर): कहा जाता है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो राह निकल ही आती है। वर्तमान में जहां किसान खेती कार्य से विमुख होते जा रहे हैं, वहीं डिडाकोली पंचायत अंतर्गत सिंहपुर गांव के अर्जुन सिंह ने अपनी मेहनत व लगन से क्षेत्र में कृषि कार्य को अलग पहचान दी है।

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जिले के तत्कालीन उपायुक्त नैंसी सहाय ने भी नर्सरी की प्रशंसा की।

दो से तीन फीट के पेड़ में लगा आम लोगों में चर्चा का विषय बना है। जबकि अभी पेड़ में आम का फल आने का मौसम भी नहीं है। परिश्रमी अर्जुन ने अपने भाईयों के साथ मिलकर एक छोटा नर्सरी तैयार कर दिया है। जिसमें अमरूद, पपीता, टमाटर, बैंगन, केला, कई किस्म के फूल व सजावटी पौधे उगाते हैं। दूरदराज से लोग यहां आते हैं एवं अपनी जरूरत के मुताबिक पौधों की खरीदारी करते हैं। इस व्यवसाय से उन्हें काफी फायदा हुआ है। 15 से 20 हजार रूपए प्रतिमाह की आमदनी हो जाती है।


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