चिकित्सकों की कमी से चरमराई स्वास्थ्य सेवा
करौं (देवघर): प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति काफी चरमरा गई है। करौं स्थित सीएचसी म
करौं (देवघर): प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति काफी चरमरा गई है। करौं स्थित सीएचसी में चिकित्सकों की घोर कमी है। वर्तमान में अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र गोविंदपुर बिना चिकित्सक के संचालित हो रहा है। जबकि सीएससी अंतर्गत संचालित 20 स्वास्थ्य उपकेंद्रों की बदहाली जगजाहिर है।
तीन चिकित्सक के भरोसे सीएचसी
कहने को तो सीएचसी में तीन चिकित्सक कार्यरत है। इनमें से एक चिकित्सक डॉ. आर एन झा का प्रतिनियोजन उपायुक्त के आदेश पर सीएचसी जसीडीह में कर दिया गया है। वहीं अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र गोविंदपुर में नियुक्त डॉ. एके पंडित को सीएचसी में कार्य लिया जा रहा है। इस स्थिति में अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र गोविन्दपुर चिकित्सक विहीन हो गया है। प्रखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था किस प्रकार रहेगी इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। लेकिन यहां की चिकित्सा व्यवस्था भगवान भरोसे है। आलम यह है कि एक चिकित्सक के छुट्टी पर चले जाने पर दूसरे को तीन-तीन दिन ओपीडी में मरीजों को देखना होता है।
उपकेंद्रों की स्थिति बदहाल
सीएचसी के अंतर्गत 20 स्वास्थ्य उपकेन्द्र संचालित होता है। सभी उपकेन्द्र एएनएम के भरोसे संचालित होता है। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का लाभ पाने से लोग वंचित रह जाते हैं। विभिन्न बैठकों में माह में एक दिन चिकित्सक के उपकेन्द्रों में ड्यूटी देने की मांग की जाती रही। मगर प्रभारी द्वारा आश्वासन तो दिया गया, लेकिन इसे धरातल पर उतारा नहीं जा सका। ग्रामीण क्षेत्र के मरीज भगवान भरोसे रह गए। सही तरीके से जांच-पड़ताल नहीं होने के कारण अधिकांश उपकेन्द्र कब खुलता-बंद होता इसकी जानकारी लोगों को नहीं मिल पाती है। टीकाकरण दिवस के मौके पर कहीं-कहीं एएनएम दिख जाती है।
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अस्पताल में चिकित्सकों की कमी से परेशानी हो रही है। इसके बावजूद शत-प्रतिशत देने का प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सकों की कमी के बारे में सीएस को अवगत कराया जा चुका है।
डॉ. कुमारी आशा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी