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2016 में ही खुलेगा बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

देवघर : झारखंड में बदलाव की बयार बहने लगी है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य में पिछड़ा संताल परगना ही नहीं पूर

By Edited By: Published: Wed, 11 May 2016 01:08 AM (IST)Updated: Wed, 11 May 2016 01:08 AM (IST)
2016 में ही खुलेगा बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय

देवघर : झारखंड में बदलाव की बयार बहने लगी है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य में पिछड़ा संताल परगना ही नहीं पूरे सूबे की स्थिति को सुधारने की ठोस पहल मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. नीरा यादव ने शुरू कर दी है। गोड्डा उप चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित कराने के लिए रांची से मंगलवार सुबह देवघर पहुंची। क्षेत्र में जाने से पूर्व दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत में शिक्षा मंत्री ने कई घोषणाएं की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश।

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प्रश्न. संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना सरकार कब तक करेगी।

उत्तर. सरकार ने तय कर लिया है कि बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना इसी साल की जाएगी। सिदो कान्हु विवि के कुलपति को भवन या स्थल चिन्हित करने को कहा गया है, ताकि जल्द ही बाबा की नगरी में देव वाणी की भाषा की पढ़ाई शुरू की जा सके। कहा कि जब वह पहली बार देवघर आयी थी तो सांसद निशिकांत दुबे एवं विधायक नारायण दास ने यह प्रस्ताव लाया था। 10 माह के भीतर यह अमल में आ गया व 2016 में ही धरातल पर आ जाएगा।

प्रश्न. शिक्षा व्यवस्था में सुधार का प्रयास तो है, अपेक्षाकृत परिणाम नहीं आ रहा।

उत्तर. देखिए व्यवस्था में बदलाव की पूरी मंशा है और उस दिशा में प्रयास भी हुआ है। प्राथमिक शिक्षक की बहाली की गई है। अनुपात भी ठीक किया जाएगा। रही बात समस्याओं के समाधान की तो, जनता को भी सहयोग करना होगा। वह किसी भी प्रकार की शिकायत या सुझाव से सीधा हमारे मोबाइल पर सूचित करे।

प्रश्न. हाईस्कूल में पठन-पाठन कमजोर होता जा रहा है। बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं। आखिर देश का भविष्य कैसे बनेगा।

उत्तर. प्राथमिक शिक्षक की तरह ही 18000 हाईस्कूल शिक्षकों की भी जल्द ही बहाली होगी। सरकार इसकी तैयारी कर रही है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले इसे सरकार सुनिश्चित करेगी। शिक्षा के मसले पर कोई समझौता नहीं होगा।

प्रश्न. कई स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चे जमीन पर बैठकर तालीम लेते हैं।

उत्तर. 2017 तक एक भी स्कूल सूबे का ऐसा नहीं होगा जहां बेंच-डेस्क नहीं होगा। अभी से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रश्न. सरकारी स्कूल को निजी स्कूल बनाने की दिशा में पहल नहीं होती।

उत्तर. कुछ सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां निजी विद्यालय से भी बेहतर माहौल है। हर जिला के ऐसे स्कूल को चिन्हित कर उसे मॉडल बनाकर दूसरों को प्रेरित किया जाएगा। सरकार प्रयास कर रही है, धीरे धीरे बदलाव आएगा।

प्रश्न. शिक्षा में बदलाव हो, इसमें जनता से कितनी अपेक्षा है।

उत्तर. देखिए सरकार तो प्रयास कर रही है, और पूरी ईमानदारी से कर रही है। बीएड कॉलेज की भी समीक्षा हो रही है। विवि से लेकर स्कूल तक बदलाव हो रहा है। जनता से अपील करते हैं कि वह सरकार के प्रयास में सहयोग करे। कहीं चूक दिखती हो तो वह सीधे शिकायत करे, नाम नहीं बताना चाहते हैं तो एक शुभ चिंतक होकर बताएं। अब देखिए शौचालय बना हुआ है और उसमें ताला लगा है तो इसका प्रयास तो जनता को ही करना होगा।


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