दो चापाकल बुझा रही 1300 लोगों की प्यास
संवाद सहयोगी करौं यों तो गर्मी के दिनों में पेयजल संकट होना अब आम बात है। लेकिन प्रखंड क
संवाद सहयोगी, करौं : यों तो गर्मी के दिनों में पेयजल संकट होना अब आम बात है। लेकिन प्रखंड के ड्राय जोन में पड़ने वाले बेलकियारी गांव में साल भर पेयजल संकट बना रहता है। 1300 आबादी वाले बेलकियारी गांव में सिर्फ दो ही चापाकल है। जबकि पांच चापाकल खराब हो चुके हैं। जिससे इन दिनों पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गांव की चंद दूरी पर जयंती नदी व बगल में एक जोरिया है। इन चापाकलों पर सुबह-शाम पानी लेने वालों की कतार लगी रहती है। जबकि कुछ महिलाएं जयंती नदी से पानी लाकर अपनी जरूरतों को पूरी कर रही है। वहीं कुछ लोग तो घरेलू उपयोग के लिए जयंती नदी से पानी बैलगाड़ी में ढोकर लाते है।
सुबह से लगती लंबी कतारें : सुबह होते ही गांव स्थित चापाकल पर पानी लेने वालों की लंबी कतारें लग जाती है। शाम तक यह सिलसिला जारी रहता है। यहां पहले आओ पहले पाओ की स्थिति बनी रहती है। अपनी बारी को लेकर कई बार महिलाओं के बीच आपस में कहा-सूनी हो जाती है। आलम यह है कि चापाकल हमेशा चलता रहता है। अविनाश रवानी, कलेवर रवानी, पंचु रवानी, मुकेश रवानी, बलराम रवानी, दिलीप रवानी, रामबदन रवानी, योगेन्द्र रवानी आदि ने बताया कि चापाकल मरम्मत कराने के लिए मुखिया से लेकर पीएचईडी से संपर्क किया गया। आश्वासन तो मिला लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। पीएचईडी का कहना था कि चापाकल की मरम्मत पंचायत द्वारा की जाएगी।
दम तोड़ चुकी करौं पेयजलापूर्ति योजना : सरकारी तंत्र की लापरवाही कहे या जनता की बदनसीबी प्रखंड में पेयजलापूर्ति योजना दम तोड़ चुकी है। पिछले दो माह से पेयजलापूर्ति योजना ठप है। इस योजना से वर्तमान में लोगों को एक बूंद पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। पेयजलापूर्ति के लिए प्रखंड परिसर में लगभग सात करोड़ की लागत से तीन लाख लीटर क्षमता की टंकी का निर्माण कराया गया है। वहीं फ्लिट्रेशन प्लांट डिडाकोली व बेलकियारी गांव के पास जयंती नदी पर पंप घर है। पंप हाउस में दो मशीन लगा है। इनमें से एक पूर्व से बंद है। जबकि दूसरा भी खराब हो चुका है। जिस कारण पानी की आपूर्ति ठप है।