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महिलाओं ने गेंदा फूल की खेती को बनाया आजीविका का आधार

संवाद सूत्र चतरा सखी मंडल की महिलाएं गेंदा फूल की खेती में किस्मत आजमा रहे हैं। वैकल्पिक

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 06:57 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 06:57 PM (IST)
महिलाओं ने गेंदा फूल की खेती को बनाया आजीविका का आधार
महिलाओं ने गेंदा फूल की खेती को बनाया आजीविका का आधार

संवाद सूत्र, चतरा : सखी मंडल की महिलाएं गेंदा फूल की खेती में किस्मत आजमा रहे हैं। वैकल्पिक आजीविका के रूप में पचास से अधिक महिलाएं इसकी खेती कर रही हैं। उनके लिए बाजार जेएसएलपीएस उपलब्ध करा रहा है। गेंदा फूल की खेती सिमरिया, कुंदा, प्रतापपुर समेत अन्य प्रखंडों में की जा रही है। जेएसएलपीएस डीपीएम निशांत एक्का ने बताया कि सिमरिया प्रखंड के बनासाड़ी, बंगेद, शिला, टुटीलावा एवं चोपे गांव में लगभग 20,000 गेंदा फूल के पौधे 15 महिला किसानों द्वारा लगाए गए है। वहीं कुंदा प्रखंड के हेसातु में 10 महिला किसानों द्वारा 10 हजार एवं प्रतापपुर प्रखंड के घोरीघाट एवं इगहारा पंचायत में पांच किसानों द्वारा 1500 गेंदा फूल के पौधे लगाए गए है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रखंडों में भी खेती हो रही है। कुल मिलाकर पचास से अधिक महिलाएं खेती कर रही हैं। इन पौधों से निकलने वाले अच्छे किस्म के गेंदा फूल की काफी मांग है। साथ ही इसकी सुंदरता भी देखते बनती है। शादी-ब्याह समेत अन्य कार्यों में इसकी बिक्री की जा रही। यहां से उत्पादित फूल हजारीबाग समेत अन्य जिलों में भेजे जा रहे है। इतना हीं नही जेएसएलपीएस की सखी मंडल की दीदियों द्वारा फूल का माला तैयार कर भी बेची जाती है। इससे प्राप्त होने वाली राशि की सहायता से सखी मंडल की दीदियों को आजीविका चलाने में काफी सहयोग मिल रहा है।

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