कोरोना की तेज हुई रफ्तार तो चतरा में होगी परेशानी
कोरोना की संभावित लहर से निपटने
कोरोना की तेज हुई रफ्तार तो चतरा में होगी परेशानी
आवशयकता अनुरूप संसाधन, डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों का घोर अभाव
अत्याधुनिक संसाधनों को आपरेट करने के लिए पारा मेडिकल कर्मियाें की घोर कमी
छह चिकित्सकों के भरोसे सदर अस्पताल, जिसमें दो हैं प्रतिनियुक्त
फोटो-14
संवाद सहयोगी, चतरा : कोरोना की संभावित लहर से बचने के लिए चतरा में संसाधन तो पूरी है। लेकिन मानव बल का घोर कमी है। अगर यहां कोरोना के नए मामले में अप्रत्यक्ष वृद्धि हुई, तो सिर्फ भगवान ही उन्हें बचा सकते है। आम लोग ही नहीं अपितू स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहे हैं कि कोरोना का कोई लहर नहीं आए। विभाग संक्रमण से लड़ने के लिए लाख कोशिश कर रही है। यहां कोरोना के लहर से निपटने के लिए अत्याधुनिक मशीनें तो इंस्टॉल है। लेकिन इसे ऑपरेट करने के लिए पारा मेडिकल की घोर कमी है। वर्तमान में तीन चिकित्सक आईसीयू, पीसीयू, एचडीयू ऑपरेट करने के लिए तीन चिकित्सक रिम्स व एम्स से प्रशिक्षित है। लेकिन चतरा जिला के दुर्भाग्य है कि इन चिकित्सको की सेवा 12 जुलाई तक ही है। सिविल सर्जन के निर्देशानुसार 13 जुलाई को डीएमएफटी से बहाल तीनो चिकित्सकों की सेवा स्वत: समाप्त हो जाएगी। उसके बाद ये सभी चिकित्सक अपने-अपने घर के लिए रवाना हो जाएंगे। वर्तमान में चतरा ही नही बल्कि अन्य जिलों व प्रदेशाें में चिकित्सकों की घोर कमी है। वर्तमान में सदर अस्पताल में चार चिकित्सक पदस्थापित है। जबकि दो चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर है। दोनों चिकित्सक सप्ताह में सिर्फ एक दिन के लिए सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति की गई है। ऐसे में अगर चतरा में कोरोना मामले में अचानक वृद्धि हुई, तो विभाग हाथ पर हाथ रखकर देखने के अवाला कुछ भी नही कर सकती। इधर रांची में कोरोना से हुई मौत मामले में विभाग सजग सर्तक हो गया है। कोरोना की संभावित लहर से बचने के लिए विभाग द्वारा की गई तैयारी पर गौर करें, तो सदर अस्पताल में कुल 90 बेड है। इनमें ऑक्सीजन युक्त बेडो की संख्या 54, आईसीयू में बेडो की संख्या 19, पीसीयू में 18, एचडीयू में 6 तथा इमरजेंसी में कुल 18 बेड है।