शिवपुर साइडिग के रैयतों को नही मिला मुआवजा
शिवपुर साइडिग हमेशा विवादों में रहा है। लेकिन उसके बाद भी व
संवाद सूत्र, टंडवा (चतरा) : शिवपुर साइडिग हमेशा विवादों में रहा है। लेकिन उसके बाद भी वहां के रैयतों को आज तक मुआवजा नहीं मिला है। वरीय प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद रेलवे साइडिग के विस्थापित रैयत मुआवजा के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। साइडिग से जुड़े दर्जनों रैयतों के करोड़ों रुपये मुआवजा लंबित हैं। जिससे रैयतों में रेलवे विभाग, सीसीएल एवं जिला प्रशासन के प्रति आक्रोश पनप रहा है। घाघरा गांव निवासी बुधन महतो, शिवनाथ गंझू, सुबोध कुमार, शिवनाथ महतो, महेश महतो समेत दर्जनों ग्रामीण मुआवजा लेने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। ग्रामीणों की शिकायत पर तीन माह पूर्व जिला भू-अर्जन पदाधिकारी गोरांग महतो ने गांव-गांव घूमकर रैयतों की भौतिक संरचनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया तथा रैयतों को कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जल्द ही भुगतान करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद मुआवजा भुगतान अब तक नही हुआ। दूसरी ओर बगैर मुआवजा भुगतान के ही हरगरवा स्थित पांचवा कोल साइडिग शुरू कर दिया गया है। जानकारी मिलते ही रैयतों ने अपनी जमीन पर सड़क को अवरुद्ध कर विरोध जताया है। इसके बाद मंगलवार को थाना परिसर में त्रिपक्षीय समझौता वार्ता आयोजित की गई। इसमें सीओ अनूप कश्यप,रेलवे से रौशन कुमार,प्रकाश कुमार एवं भू-रैयत शामिल हुए। इस दौरान रैयतो ने कागजात दिखाया और मुआवजा भुगतान करने की गुहार लगाई। इस पर सीओ ने कहा कि वरीय अधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद करवाई की जाएगी तथा गैरमजरुआ भूमि का सत्यापन के बाद ही भुगतान होगा। दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों ने कहा कि रैयतों की मुआवजा राशि एलइओ कोर्ट में जमा कर दी गई है। रैयत वहा से प्राप्त कर सकते हैं। वही रैयत महेश महतो ने बताया कि मुआवजा राशि जमा किए जाने से संबंधित विभाग द्वारा कोई जानकारी नही दी गई है।