संवरेगी आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर, नए भवन होंगे नसीब
भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों को बहुत जल्द अपना भवन नसीब हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, चतरा : भवनहीन आंगनबाड़ी केंद्रों को बहुत जल्द अपना भवन नसीब हो जाएगा। जिला प्रशासन ने इसके लिए स्वीकृति प्रदान कर दिया है। बहुत जल्द निर्माण कार्य शुरू जाएगा। प्रथम चरण में दो सौ केंद्र भवनों का निर्माण होगा। जबकि दूसरे चरण में शेष बचे 24 भवनों का निर्माण होगा। भवनों के निर्माण पर आने वाला खर्च अतिरिक्त केंद्रीय सहायता और मनरेगा कन्वर्जन से वहन होगा। एक भवन के निर्माण पर करीब दस लाख रुपये खर्च आने की उम्मीद है। जिले में आंगनबाड़ी के कुल 1124 केंद्र हैं। जिसमें 889 का अपना भवन है। शेष 235 भवनहीन हैं। भवनहीन केंद्रों का संचालन भाड़े के मकानों में हो रहा है। स्थिति को देखते हुए उपायुक्त दिव्यांशु झा ने दो सौ केंद्रों में भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। डीसी ने संबंधित अंचल अधिकारियों को निर्देश देते हुए जल्द से जल्द जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। डीसी के निर्देश के बाद जमीन चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ऐसी संभावना है कि एक महीना के भीतर अंचल कार्यालयों से जमीन का प्रतिवेदन आ जाएगा। प्रतिवेदन आने के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। संबंधित एजेंसी द्वारा भवन निर्माण के लिए निविदा निकाला जाएगा। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी जफर सलमान खिजरी ने बताया कि प्रखंड भले ही बारह हैं, लेकिन परियोजना छह ही है। अर्थात पुराने प्रखंडों के आधार पर परियोजना का निर्धारण किया गया है। उन्होंने बताया कि चतरा परियोजना में 32, सिमरिया में 47, प्रतापपुर में 35, इटखोरी में 18, टंडवा में 17 और हंटरगंज परियोजना क्षेत्र में सर्वाधिक 86 आंगनबाड़ी केंद्र भवनहीन है।