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सरकार का खजाना खाली, विकास पर लगा ब्रेक

जुलकर नैन चतरा सरकार का खजाना खाली है। विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा जुलकर नैन चतरा सरकार का खजाना खाली है। विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा जुलकर नैन चतरा सरकार का खजाना खाली है। विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Jun 2020 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 06:13 AM (IST)
सरकार का खजाना खाली, विकास पर लगा ब्रेक
सरकार का खजाना खाली, विकास पर लगा ब्रेक

जुलकर नैन, चतरा : सरकार का खजाना खाली है। विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा हुआ है। अप्रैल से योजना मद की राशि की निकासी नहीं हो रही है। वित्त विभाग ने स्पष्ट रूप से आदेश दे रखा है कि योजना मद में किसी भी प्रकार की निकासी अगले आदेश तक नहीं होगी। सरकार के इस आदेश के बाद जिले में करीब सात अरब की योजनाओं के क्रियान्वयन पर सीधा असर पड़ रहा है। निर्माण कार्य आधा-अधूरा ऐसा ही पड़ा हुआ है। बहुत सारी ऐसी योजनाएं हैं, जिसका निर्माण कार्य 80 से 90 फीसद तक पूरा हो चुका है। लेकिन, योजना मद से आवंटन नहीं मिलने के कारण उसे पूरा नहीं किया जा रहा है। जिसमें सर्वाधिक योजनाएं पथ प्रमंडल की है। पथ प्रमंडल की नन प्लान की सात योजनाएं अधूरी पड़ी है। वहीं प्लान की छह सड़कों का निर्माण कार्य लंबित पड़ा हुआ है। नन प्लान और प्लान की इन दोनों योजनाओं की अनुमानित प्राक्कलन तीन सौ करोड़ का होगा। ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य प्रमंडल में सड़क निर्माण की 16 योजनाएं अधूरी पड़ी हुई है। जिसका अनुमानित प्राक्कलित राशि 60-70 करोड़ के बीच होगी। पेजयल एवं स्वच्छता प्रमंडल की करीब ढाई सौ करोड़ की योजनाएं प्रभावित है। इसी प्रकार ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, भवन प्रमंडल, भवन निर्माण निगम लिमिटेड, जिला परिषद, कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाएं प्रभावित हैं। सिर्फ और सिर्फ वेतन एवं कार्यालय कंटीन्जेंसी मद (आकस्मिक निधि) की ही राशि की निकासी कोषागार से हो रही है। :::::::::::::::::::::

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केस स्टडी-1

पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल से 233 करोड़ रुपये की लागत से टंडवा प्रखंड एवं आसन्न ग्रामों में ग्रामीण जलापूर्ति योजना एवं वियर का निर्माण कार्य प्रभावित है। योजना मद की राशि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट से उपलब्ध कराई गई है। भुगतान पर रोक लगाए जाने से निर्माण कार्य की गति काफी धीमी है। एकरारनामा के मुताबिक 2021 तक योजना पूरा हो जाना है। लेकिन कार्य की गति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 2023 तक भी पूरा नहीं हो पाएगा। इसी प्रकार से डीएमएफटी से ही कान्हाचट्टी प्रखंड के सांसद आदर्श ग्राम में नौ करोड़ की लागत से बन रहा जलापूर्ति योजना का भी काम प्रभावित है।

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केस स्टडी-2

टंडवा प्रखंड मुख्यालय में स्थित गेरूआ पुल पर बना नदी ध्वस्त हो गया है। पुल का नवनिर्माण के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। परंतु खजाना खाली है, ऐसे में योजना को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। इतना ही नहीं सरकार ने कच्चा डायवर्सन का आदेश दिया है। जिसके आलोक में प्रक्रिया पूरी कर निविदा निकाला गया। लेकिन आवंटन पर रोक के कारण संवेदकों ने भाग नहीं लिया।

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कोट

कोषागार से संबंधित योजनाओं की राशि निकासी पर रोक है। सरकार ने अप्रैल महीना में इस बाबत आदेश दिया है। आदेश के बाद कोषागार से योजना मद की राशि की निकासी नहीं हो रही है। सिर्फ वेतन और कार्यालय कंटीन्जेंसी मद की राशि निकासी हो रही है।

जितेंद्र कुमार सिंह, डीसी, चतरा।


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