महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ा, खाने का जायका हुआ फीका
जागरण संवाददाता चतरा एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से लोग त्राहि-त्राहि कर र
जागरण संवाददाता, चतरा : एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, दूसरी ओर महंगाई रसोई का बजट को बिगाड़ दिया है। बल्कि यूं कहें कि महंगाई डायन बनकर चबा रही है। पिछले एक महीना में सरसों तेल और रिफाइन के मूल्यों में जबर्दस्त उछाल आया है। एक किलो सरसों तेल पर 25 रुपये और रिफाइन पर 15 रुपये की वृद्धि हुई है। यह रिकार्ड वृद्धि है। एक महीना में इस प्रकार रोजमर्रे की सामानों के दाम प्रतिकिलो पर शायद कभी नहीं बढ़ा था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और खाद्य सामग्रियों के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि के बीच मनुष्य की जिदगी चक्की में पीस रही है। एक महीना पहले सरसों तेल 155 रुपये किलो था। परंतु आज उसका दर 180 रुपये किलो हो गया है। रिफाइन प्रति किलो 145 रुपये किलो था और अब 160 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इस एक महीना में आखिर ऐसा क्या हुआ, जो सरसों तेल और रिफाइन के दामों में इतनी बढ़ोत्तरी हुई है। गरीबों को दो जून की रोटी जुगाड़ करना समस्या हो गई है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि मध्यम वर्गीय परिवार चावल-दाल या रोटी-दाल से ही काम चला ले रहा है। शहर चौर मोहल्ला निवासी अखिलेश कुमार कहते हैं कि महंगाई डायन बनकर चबा रही है। एक शाम किसी तरह से जुगाड़ करते हैं, तो दूसरे वक्त के लिए चिता सताने लगती है। गृहणी किरण देवी कहती हैं कि घर का बजट बिगड़ा हुआ है। यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि खाने में दो-तीन तरह की सब्जी हो। रसोई सिलेंडर से लेकर दाल-नमक तक का दाम आसमान छू रहा है। गृहणी राध देवी कहती हैं कि मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए संकट की घड़ी है।
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खाद्य सामग्रियों का वर्तमान व एक महीना पहले का दर
सामग्री वर्तमान पूर्व का दर प्रति किलो
सरसों तेल 180 155
रिफाइन 160 145
आटा 25 24
चावल 32 32
मैदा 25 24
बेसन 95 90
हल्दी 140 140
जीरा 240 240
गोलकी 550 550
चीनी 45 40
नमक 20 20
मिर्च 200 200
राहर दाल 110 110
चना दाल 80 80