डाक्टरों व बेड बनी समस्या, प्रतिदिन मरीजों को किया जा रहा रेफर
संवाद सहयोगी चतरा जिले में विशेषज्ञ डाक्टर की घोर कमी है। जिसके कारण अब तक वेंटिले
संवाद सहयोगी, चतरा : जिले में विशेषज्ञ डाक्टर की घोर कमी है। जिसके कारण अब तक वेंटिलेटर शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहा है। जिसका खामियाजा मरीज व उसके स्वजनों को भुगतना पड़ रहा है। चूंकि राज्य में कोरोना के हजारों मामले है। इनमें 80 प्रतिशत लोगों को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। यही वजह है कि राज्य की सभी अस्पताल में बेड की घोर कमी है। जिसके कारण मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा और मरीज सड़क पर ही दम तोड़ रहे है। इधर सदर अस्पताल में सुविधा के अभाव में मरीज काल के आगोश में समाते जा रहे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से सदर अस्पताल में कोविड मरीजों के बेहतर इलाज के लिए छह वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। लेकिन हकीकत तो यही है कि वेंटिलेटर चलाने वाले विशेषज्ञ नहीं है। ऐसे में मरीज या तो दम तोड़ दे रहे या उन्हें दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया जा रहा है। वैसे बता दें कि यहां छह वेंटिलेटर युक्त बेड और 36 ऑक्सीजन युक्त बेड है। वर्तमान में सदर अस्पताल में अधिकांश भर्ती होने वाले मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ रही है। लेकिन समय पर मरीजों को बेहतर इलाज नही मिल पा रहा, ऐसे में मरीज दम तोड़ रहे है। इतना ही नही पर्याप्त बेड की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों का बेहतर इलाज नही हो पा रहा है। ऐसे में संक्रमितों को ऑक्सीजन देकर रेफर कर दिया जा रहा। वही दूसरी ओर ऑक्सीमीटर, रेमडेसिवर, ऑक्सीजन, पीपीई किट आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध की गई है। आवश्यकता अनुसार इसका उपयोग भी किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. श्यामनंदन सिंह का कहना है कि जेनरिक दवाई प्रयाप्त मात्रा में उपलब्ध है। यहां किसी प्रकार की कालाबाजारी की सूचना नही मिली है। वही कोरोना से मरने वालों के लिए शव वाहन उपलब्ध करा दिया जा रहा है। जबकि नगर पालिका शमशान घाट पर लकड़ी की व्यवस्था कर विभाग की भरपूर सहयोग कर रही है।