शारदीय नवरात्र की तरह वासंतिक नवरात्र में भी रहेगी सख्ती
संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर धार्मिक आयोजनों पर भी
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा): कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर धार्मिक आयोजनों पर भी स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। सरकार ने रामनवमी, सरहुल आदि त्योहारों के जुलूस पर तो प्रतिबंध लगा दिया ही है, वासंतिक नवरात्र के धार्मिक आयोजन पर भी एहतियात बरतने का निर्देश जारी किया गया है। इसका असर ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर पर भी अभी से ही दिखने लगा है। मंदिर प्रबंधन समिति ने स्पष्ट तौर पर निर्णय लिया है कि शारदीय नवरात्र की तरह वासंतिक नवरात्र में भी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सख्ती बरती जाएगी। नवरात्र का पूरा आयोजन सरकार द्वारा जारी कोरोना के गाइडलाइन के तहत किया जाएगा। मालूम हो कि 13 अप्रैल से वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। सनातन धर्मावलंबियों के लिए नवरात्र का अनुष्ठान काफी अहम होता है। नवरात्र में देवी मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालु भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। श्रद्धालु भक्तों की भीड़ वासंतिक नवरात्र पर भी जुटने की संभावना है। इसको लेकर मंदिर प्रबंधन समिति ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर प्रबंधन समिति के पदेन सचिव सह अंचल अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि परंपरा के अनुसार मां भद्रकाली मंदिर में वासंतिक नवरात्र का अनुष्ठान इस वर्ष भी पूरे विधि विधान के साथ होगा। लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत सारा धार्मिक आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार मंदिर आने वाले सभी श्रद्धालु भक्तों को मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा। बगैर मास्क वाले किसी भी व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। अत्यधिक भीड़ जुटाकर भी एक साथ पूजा करने पर पाबंदी रहेगी। चार-पांच लोगों का ग्रुप बनाकर मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश दिया जाएगा। ताकि शारीरिक दूरी का अनुपालन सही तरीके से होता रहे। मंदिर के पुजारियों के लिए भी मास्क पहनकर रहना अनिवार्य कर दिया गया है। मंदिर प्रबंधन समिति के पदेन सचिव ने कहा कि श्रद्धालु भक्तों को भी खुद एहतियात बरतना चाहिए। ताकि इस क्षेत्र में कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके।