कामगार को नहीं मिल रहा रोजगार, चरमराई आर्थिक स्थिति
संवाद सहयोगी गिद्धौर (चतरा) प्रखंड क्षेत्र में करीब दो हजार प्रवासी कामगार अपने घर लौटे है
संवाद सहयोगी, गिद्धौर (चतरा) : प्रखंड क्षेत्र में करीब दो हजार प्रवासी कामगार अपने घर लौटे हैं। लॉकडाउन और अनलॉक को करीब चार माह बीतने के बाद कामगारों को उनके हुनर के अनुसार रोजगार अभी तक नहीं मिला है। हालांकि आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रवासी कामगारों को मनरेगा के तहत कुछ हद तक रोजगार मिल रहा है। लेकिन जिन प्रवासी कामगारों ने कभी फावड़ा नहीं चलाया या पेंटर, बढ़ई, राजमिस्त्री, हलवाई आदि का काम करनेवाले रोजगार की तलाश में दर-बदर भटक रहे हैं। गिद्धौर के रोहन दांगी का कहना है कि मुंबई में रहकर अपना परिवार चला रहा था, परंतु लॉकडाउन में लौटने के बाद बेरोजगार हो गए है। परिवार चलना दूभर हो गया है, जबकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे है। कोरोना के कहर के चलते लॉकडाउन के दौरान घर लौट आया। काम की तलाश की, लेकिन काम नहीं मिला।
अरुण दांगी का कहना है कि मुंबई में एक कंपनी में काम करता था। कोरोना काल में काम छोड़ घर आ गया। काम हुनर के हिसाब का नहीं मिला है। कई मजदूरों ने कहा मनरेगा के तहत काम तो मिल रहा है। परंतु हुनर के अनुसार रोजगार नहीं मिल रहा। जबकि प्रशासन प्रवासी कामगारों को रोजगार देने की दावा कर रही है। परंतु सभी दावे हवा हवाई दिख रहा है। कई मजदूर पुन: पलायन करने के फिराक में हैं। यहां तक कि कई कामगार हवाई मार्ग से अपने-अपने काम पर लौट रहे हैं।