युवाओं में दिखा उत्साह, महिलाएं भी रहीं सक्रिय
मतदान को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़चढ़ कर देने को मिली। गरचे इस बार के चुनाव में कोई महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं है। बावजूद इसके लोकतंत्र के इस उत्सव में आधी आबादी अपने संवैधानिक कर्तव्यों में पीछे नहीं रहीं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों तक वह मतदान के
चतरा : मतदान को लेकर युवाओं में खासा उत्साह देखा गया। महिलाओं की भागीदारी भी बढ़चढ़ कर देखने को मिली। इस बार के चुनाव में कोई महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं है। बावजूद लोकतंत्र के इस उत्सव में आधी आबादी अपने संवैधानिक कर्तव्यों में पीछे नहीं रहीं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मतदान केंद्रों तक वह मतदान के लिए सक्रिय भूमिका में नजर आईं। कुछ केंद्रों पर एक से दो घंटे तक कतारबद्ध रहीं। चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों का परवाह किए बगैर मतदान करने के केंद्रों में डटी रहीं। मतदान के बाद ही वे घरों के लिए वापस लौटीं। हंटरगंज प्रखंड के मतदान केंद्र संख्या 73 पर तुलसीपुर की महिला मतदाता अनरवा देवी कहतीं हैं, लोकतंत्र का महापर्व है। चारों ओर उत्साह और उमंग है। ऐसे में वह अपना फर्ज से पीछे क्यों रहे? इसी गांव की सुनीता देवी कहती हैं कि पहले मतदान फिर चूल्हा-चौका का काम। तुलसीपुर की ही नीलम देवी कहती हैं कि लोकतंत्र के महापर्व में यदि मतदान नहीं करती हूं, तो पूरे पांच वर्षों तक पछतावा रहेगा। इसलिए सुबह के साढ़े छह बजे ही मतदान के लिए केंद्र आई हूं। वोटिग के बाद ही घर का कामकाज होगा। चतरा शहर के लाइन उर्दू मध्य विद्यालय में मतदान के लिए कतार में खड़ी युवा महिला वोटर मारिया सदफ कहती है कि वोट का अधिकार को नहीं छोड़ना चाहिए। मारिया पहली बार वोट करने आई थी। वोट करने के प्रति वह काफी उत्साहित थी। इसी प्रकार नगर परिषद कार्यालय के मतदान केंद्र में कतारबद्ध सोनम कुमारी कहती हैं, पांच वर्षों में यह मौका मिला है। केंद्र में मजबूत सरकार के गठन को लेकर वोट देने आई है। इस प्रकार देखें, तो युवा वोटरों में खुशी का ठिकाना नहीं था। मतदान का समय सीमा शुरू होने से पहले ही केंद्रों पर पंक्तिबद्ध थे। यह नजारा शहर के प्राय: केंद्रों पर देखने को मिला। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही नजारा था। स्नान ध्यान के बाद युवा वर्ग मतदान के लिए केंद्रों पहुंच रहे थे। मानो युवा वोटर लोगों को यह संदेश दे रहे थे, पहले मतदान, उसके बाद जलपान। सदर प्रखंड के भोज्या गांव के मतदान केंद्र संख्या 366 पर पहली बार वोट डालने आए नए वोटर नीतीश कुमार, विवेक कुमार एवं गौतम कहते हैं कि काफी बढि़या लग रहा है। 18 वर्षों के बाद उन्हें यह अधिकार मिला है, ऐसे में मौका को क्यों जाया करूं।