Move to Jagran APP

चतरा में लापरवाह अफसरों पर बड़ी कार्रवाई, कृषि पदाधिकारी के निलंबन की अनुशंसा; DDC से शो-कॉज Chatra News

उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने जिले के लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। डीसी के इस कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जानें पूरा मामला...

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 01:52 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 02:19 PM (IST)
चतरा में लापरवाह अफसरों पर बड़ी कार्रवाई, कृषि पदाधिकारी के निलंबन की अनुशंसा; DDC से शो-कॉज Chatra News
चतरा में लापरवाह अफसरों पर बड़ी कार्रवाई, कृषि पदाधिकारी के निलंबन की अनुशंसा; DDC से शो-कॉज Chatra News

चतरा, [जुलकर नैन]। उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने जिले के लापरवाह अधिकारियों के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की है। डीसी के इस कार्रवाई से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी पारसनाथ उरांव को निलंबित करने की अनुशंसा की। इतना ही नहीं उप विकास अायुक्त मुरली मनोहर प्रसाद को शो-कॉज करते हुए 24 घंटों के भीतर जवाब तलब किया है। साथ ही साथ सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, बीटीएम एवं एटीएम का वेतन एवं मानदेय को रोकते हुए स्पष्टीकरण किया है।

loksabha election banner

बीटीएम एवं एटीएम को जिला कृषि पदाधिकारी के माध्यम से शो-कॉज का जवाब भेजने का निर्देश दिया है। डीसी ने जिला परिवहन पदाधिकारी का प्रभार एक बार फिर सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार को सौंपा है। इससे पूर्व भी सदर अनुमंडल पदाधिकारी कुमार ही जिला परिवहन पदाधिकारी के अतिरिक्त प्रभार में थे। लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए डीसी ने अपर समाहर्ता संतोष कुमार सिन्हा को परिवहन का अतिरिक्त प्रभार दिया था।

इसी प्रकार गोपनीय शाखा का प्रभारी पदाधिकारी कार्यपालक दंडाधिकारी धीरज ठाकुर को बनाया गया है। दरअसल उपायुक्त ने 24 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर शिथिलता बरतने और कर्तव्यों का प्रति सचेत नहीं रहने वाले अधिकारियों के विरूद्ध यह कार्रवाई है। मुख्यमंत्री स्थानीय जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में जिले के सात हजार किसानों को शिरकत करनी थी। इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी पारसनाथ उरांव को दायित्व दिया गया था। उन्हें निर्देशित किया गया था कि लाभुकों को सुबह के नौ बजे कार्यक्रम स्थल लाना है। लेकिन 11:00 पूर्वाह्न तक लाभुक नहीं आए थे। जबकी समीक्षा बैठकों में उन्होंने आश्वस्त करते रहे कि लक्षित किसान ससमय कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

डीसी ने इसे सीधे तौर पर सरकारी कार्यक्रम के कार्यान्वयन में घोर लापरवाही, उदासीनता, स्वेच्छाचारिता बरतने के साथ-साथ वरीय अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देश का उलंघन बताया है। उन्होंने उनके विरुद्ध कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव से निलंबन की अनुशंसा की है। उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह 21 से लेकर 23 अक्टूबर तक निर्वाचन कार्य की बैठक में शामिल होने के लिए जिला मुख्यालय से बाहर गए हुए थे। उस क्रम में डीसी का प्रभार उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर के जिम्मे था।

उप विकास आयुक्त ने उस क्रम में राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम को लेकर सतत निगरानी,  प्रवेक्षण और अनुश्रवण नहीं किया। यह सीधे पर उनकी उदासीनता का प्रतीत है। डीसी ने डीडीसी को चौबीस घंटों के भीतर जबाव देने का निर्देश दिया है। उपायुक्त ने पथ प्रमंडल के कार्यपालक को भी शो-कॉज किया है। पथ प्रमंडल को जिम्मेवारी दी गई थी कि न्यू पुलिस लाइन से लेकर बाइपास होते हुए स्टेडियम तक आने वाली सड़क के गड्ढों को भरने का। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

मुख्यमंत्री पुलिस लाइन से इसी मार्ग से स्टेडियम आने वाले थे। मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री का कार्यक्रम अंतिम समय में टल गया। यदि मुख्यमंत्री आते, तो अव्यवस्था को देखकर कई अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई कर देते। लेकिन संयोग बढ़िया था कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम टल गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.