हंटरगंज की नकली विदेशी शराब से बिहार मदमस्त
अमरेंद्र प्रताप सिंह हंटरगंज(चतरा) बिहार में शराब बंदी कानून धूल चाट रहा है। यहां बन
अमरेंद्र प्रताप सिंह, हंटरगंज(चतरा) : बिहार में शराब बंदी कानून धूल चाट रहा है। यहां बनी नकली शराब ने पड़ोसी राज्य को मदमस्त बना रखा है। पुलिस की अनदेखी से सीमावर्ती इलाकों में शराब तस्करों का संजाल फैल चुका है। यह स्थिति समाज के लिए बेहद खतरनाक बनी हुई है।
जानकार सूत्रों के अनुसार, अंचल के कटैया गांव से सटे जंगल में, भोगताडीह से सटे जंगल में और नावाडीह-पनारी की पहाड़ी पर नकली विदेशी शराब बनाने के तीन अलग- अलग कारखाने चलाए जा रहे हैं। तीनों स्थानों पर सूर्यास्त होने के बाद गतिविधियां प्रारंभ होती हैं। रात में गांवों से ढोकर नकली विदेशी शराब बनाने की सामग्री और अन्य संसाधन उन स्थानों पर पहुंचा दिये जाते हैं। सुबह होने से पहले नकली शराब बना कर उसे बोतल बंद कर दिया जाता है। बोतलों पर मैकडेवल, ओसी ब्लू, ब्लंडर जैसी शराब के नकली रैपर चिपका दिये जाते हैं। फिर उन्हें विभिन्न कार्टूनों में पैक कर आपूर्ति के लिए रखा जाता है। सुबह होने के पहले उस जगह को साफ कर पूर्ववत बना दिया जाता है। ताकि लोगों को वहां नकली शराब कारखाना चलाए जाने की भनक तक नहीं लगे। कटैया के नजदीक जंगल में शराब बनाने के लिए जमीन खोदी गई है। शराब बनाने के बाद उस जमीन को सुबह होने से पहले ढंक दिया जाता है। कारखाने के संसाधन और जरूरी सामग्री जुटाने में ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि भोगताडीह और पनारी-नवाडीह के जंगल वाले कारखानों में संसाधन बाइक से जुटाये जाते हैं। कटैया के जंगल में बनी नकली शराब को बाराचट्टी, धनगांई, बोधगया और गया शहर तक खपाया जाता है। इसी प्रकार भोगताडीह जंगल में निर्मित नकली विदेशी शराब इमामगंज, डुमरिया, बांकेबाजार और पनारी-नवाडीह पहाड़ी पर निर्मित नकली विदेशी शराब को शेरघाटी, डोभी, आमस, गुरुआ आदि प्रखंड क्षेत्रों में भेजा जाता है। शराब की आपूर्ति के लिए युवकों को बतौर कूरियर नियुक्त किया गया है। ये कूरियर अपनी हैसियत के हिसाब से शराब आपूर्ति में बाइक अथवा चौपहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं। कई वाहनों में तो तस्कर माल पहुंचाते समय बाजाफ्ता महिलाओं को भी साथ रखते हैं। ताकि पुलिस जांच से बचा जा सके। हाल ही में एक कूरियर को पुलिस ने बाइक से तस्करी की नकली विदेशी शराब ले जाने के दौरान रंगेहाथ धर दबोचा था। पनारी-नावाडीह इलाके में नीम-हकीम (फर्जी डाक्टर अथवा झोलाछाप डाक्टर) का धंधा करने वाले उस शराब तस्कर की बाइक पर उस वक्त उसकी पत्नी भी मौजूद थी। पुलिस ने तस्कर को जेल भेज दिया तथा उसकी पत्नी को छोड़ दिया था। इसी तरह एक अन्य तस्कर पिकअप वैन से शराब ले जाने के दौरान पांडेयपुरा के करमा मोड़ के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।वैन पर लदी उसकी नकली विदेशी शराब की बोतलें सड़क पर बिखर गई थीं। उसी समय पुलिस की गाड़ी उधर से गुजरी। सबकुछ देखकर भी उसने कार्रवाई नहीं की। आसपास के ग्रामीण सड़क पर बिखरी शराब की बोतलें लूट ले गए। हालांकि ऐसी घटनाएं यहां के लोगों को नहीं चौंकाती, क्योंकि पुलिस और शराब तस्करों की मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है। अब देखना है कि शराब तस्करों पर नकेल कसने का पुलिस महानिदेशक का अभियान ऐसी स्थिति में यहां क्या गुल खिलाया है।