नीलाम पत्र के वादों में फंसे हैं 8.63 अरब रुपये
जुलकर नैन, चतरा : जिले में नीलाम पत्रों से संबंधित वादों का निष्पादन ससमय नहीं हो रहा है। ि
जुलकर नैन, चतरा : जिले में नीलाम पत्रों से संबंधित वादों का निष्पादन ससमय नहीं हो रहा है। जिसके कारण बैंक, खनन और वन विभाग की 8.63 अरब से अधिक की राशि फंसी हुई है। ऋणधारक व्यक्ति अथवा कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होने से वह भी इत्मीनान हैं। नीलाम पत्रों के कुल 2218 मामले लंबित थे। हालांकि उसमें से 142 मामलों का निष्पादन किया गया है। इन मामलों का निष्पादन अप्रैल से जून के बीच हुआ है। इस प्रकार वर्तमान समय में 2076 मामले लंबित पड़े हुए हैं। जिसकी बकाया राशि 8,63,16,12,013 रुपये है। नीलाम पत्र के सर्वाधिक लंबित मामले जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी के जिम्मे है। उनके पास कुल 792 मामले लंबित पड़े हुए हैं। वैसे यहां पर जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी का आज तक पदस्थापन नहीं हुआ है। जिला बनने के बाद से जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी का कार्यालय प्रतिनियुक्त अधिकारी के भरोसे है। वैसे लंबित 2076 मामलों में 1763 मामले बैंकों से संबंधित हैं। जबकि दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी के समक्ष 129, उत्तरी वन प्रमंडल पदाधिकारी के समक्ष 113 और जिला खनन के पास 71 मामले लंबित है। नीलाम पत्र के वादों के निष्पादन के लिए सरकार ने अंचल अधिकारी से लेकर अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमहर्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी और जिला खनन पदाधिकारी को भी शक्ति प्रदत्त किया है। लेकिन उसके बाद दो हजार से अधिक मामले लंबित हैं।
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::: लंबित वादों का विवरण अधिकारी वादों की संख्या राशि नीलाम पत्र पदा. 792 52.67 करोड़ एसडीओ, चतरा 88 3.38 करोड़ एसडीओ, समरिया 41 1.09 करोड़ डीसीएलआर 65 1.44 करोड़ डीटीओ 54 0.12 करोड़ सीओ, चतरा 100 0.20 करोड़ सीओ, सिमरिया 74 0.14 करोड़ सीओ, प्रतापपुर 74 0.10 करोड़ सीओ, इटखोरी 34 0.22 करोड़ सीओ, टंडवा 50 0.13 करोड़ सीओ, कान्हाचट्टी 389 0.40 करोड़ सीओ, मयूरहंड 02 0.01 करोड़ उत्तरी डीएफओ, चतरा 113 1.60 करोड दक्षिणी डीएफओ, चतरा 129 0.60 करोड़ खनन विभाग 71 8.01 अरब कुल 2076 8.63 अरब करीब
:::::::::::::::::::::::::::::::::::: अधिकारी वर्जन दो हजार से अधिक मामले लंबित हैं। जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी का पद पर आज तक स्थायी अधिकारी नहीं आए। प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी कार्य कर रहे हैं। मामलों के निष्पादन में बैंकों का अपेक्षित सहयोग नहीं होता है।
राजेश कुमार सिन्हा, प्रभारी जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी, चतरा।