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सीडी रेशियो में 4.25 प्रतिशत की आई गिरावट

आई गिरावट चिता का विषय है। बैंकों को अग्रिम को लेकर दिया गया लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। डीएमएफटी और दूसरे सरकारी मद की राशि भी इसमें बड़ा फैक्टर है। चूंकि योजना मद की जमा राशि के कारण नकद जमा बढ़ा है। जैसे ही रुपयों की निकासी होगी सीडी रेशियो स्वत बढ़ जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 07:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 07:12 PM (IST)
सीडी रेशियो में 4.25 प्रतिशत की आई गिरावट
सीडी रेशियो में 4.25 प्रतिशत की आई गिरावट

जुलकर नयन, चतरा : माल मिर्जा का और महाराज खेले होली वाली कहावत यहां के बैंक अधिकारी चरितार्थ कर रहे हैं। जिले के बैंकों में ग्राहकों द्वारा जमा किए जा रहे रुपयों का लाभ यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है। बल्कि स्थानीय लोगों के बजाय अधिकांश राशि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों में भेजी जा रही है। महानगर स्थित बैंक शाखा बड़े-बड़े पूंजीपतियों और कॉरपोरेट जगत को ऋण प्रदान रहे हैं। बैंकिग की यह स्याह कहानी यहां की खराब सीडी रेशियो बयां कर रही है। जिले का नकद- जमा अनुपात सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है। चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में यहां का सीडी रेशियो 26.87 प्रतिशत है। जबकि गत वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में यह 31.12 प्रतिशत था। इस प्रकार 4.25 प्रतिशत की गिरावट आई है। बैंकिग जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि सीडी रेशियो में आ रही गिरावट का असर यहां के विकास पर भी पड़ सकता है। इतना ही नहीं बैंक के प्रति लोगों में विश्वास भी घटेगा। 16 सितंबर को आयोजित त्रीमासिक जिला स्तरीय परामर्शदात्रि समिति की बैठक में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने सीडी रेशियो को लेकर बैंक अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि यदि दूसरे तिमाही में स्थिति में सुधार नहीं हुई, तो खराब प्रदर्शन करने वाले बैंकों की शाखाओं के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जा सकती है। बताते चलें कि अप्रैल से लेकर जून 2019 तक जिले के विभिन्न बैंकों में 284335.32 लाख रुपये जमा हुए। जिसके विरूद्ध यहां के लोगों को मात्र 76387.31 रुपये ऋण के रूप में दिया गया है। इस प्रकार कुल डिपोजिट का 26.87 प्रतिशत ऋण दिया गया है। जबकि गत वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में 175306 लाख रुपये जमा हुए थे और उसके विरूद्ध 54555 लाख का ऋण दिया गया था। अर्थात 31.12 प्रतिशत ऋण दिया गया था।

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एचडीएफसी बेहतर, एसबीआइ सबसे खराब

नकद-जमा अनुपात मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन एचडीएफसी बैंक का है। एचडीएफसी का कुल डिपोजिट 2078.66 लाख है। जिसके विरूद्ध अग्रिम के रूप में 4925.19 लाख दिया है। अर्थात 236.94 प्रतिशत उसकी उपलब्धि है। सबसे खराब प्रदर्शन स्टेट बैंक आफ इंडिया का है। स्टेट बैंक आफ इंडिया में प्रथम तिमाही में 112576 लाख रुपये डिपोजिट हुए हैं। जिसके विरूद्ध 18991 लाख का एडवांस दिया है। अर्थात 16.87 प्रतिशत की उपलब्धि है। बैंक आफ इंडिया की उपलब्धि 27.41 प्रतिशत की है। बैंक ऑफ इंडिया में कुल 105653 लाख रुपये डिपोजिट हुए हैं। जिसके विरूद्ध 28959 लाख अग्रिम दिया गया है। अर्थात शेष पैसा बैंकिग व्यवस्था के तहत अपने मुख्यालय के माध्यम से महानगरों में भेज दिया।

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अधिकारी वर्जन

सीडी रेशियो में आई गिरावट चिता का विषय है। बैंकों को अग्रिम को लेकर दिया गया लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। डीएमएफटी और दूसरे सरकारी मद की राशि भी इसमें बड़ा फैक्टर है। चूंकि योजना मद की जमा राशि के कारण नकद जमा बढ़ा है। जैसे ही रुपयों की निकासी होगी, सीडी रेशियो स्वत: बढ़ जाएगी।

मृणाल कुमार दास, अग्रणी जिला प्रबंधक, चतरा।


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