गुम हो गई मनरेगा की 40 सड़कें
सभी सड़कों की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें। उन्होंने कहा कि यह मामला करोड़ रुपये के घपला से जुड़ा हुआ है। आखिर किस परिस्थिति में योजना की जांच किए बगैर भुगतान हो गया।
जुलकर नैन, चतरा : जिले के प्रतापपुर प्रखंड के प्रतापपुर पंचायत में मनरेगा की चालीस सड़कें गुम हो गई। इन सड़कों का कोई अतापता नहीं है, जबकि योजना मद की पूरी राशि की निकासी हो चुकी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि चालीस में से 32 सड़कें वन भूमि पर निर्मित दर्शाई गई है। उत्तरी वन प्रमंडल का दावा है कि उनकी जमीन पर मनरेगा से कोई भी सड़क नहीं बनी है। ग्रामीणों की गुहार पर जब यह मामला सामने आया, तो अधिकारी जांच के नाम पर झूठा आश्वासन देते रहे। उसके बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी जांच का आदेश दिया था। लेकिन उप विकास आयुक्त ने जांच के प्रति तत्परता नहीं दिखाई और मामला पिछले डेढ़ साल से लंबित पड़ा हुआ है। ग्रामीणों की शिकायत पर शुक्रवार को यहां आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में सांसद सुनील कुमार सिंह ने इस पर नोटिस लेते हुए अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। सांसद ने पूछा-यदि जमीन पर सड़कों का निर्माण हुआ है, तो कहां पर है? उन्होंने उप विकास आयुक्त से पूछा कि आखिर अब तक मामले की जांच क्यों नहीं हुई? सांसद ने निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी सड़कों की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें। उन्होंने कहा कि यह मामला करोड़ों रुपये के घपला से जुड़ा हुआ है। आखिर किस परिस्थिति में योजना की जांच किए बगैर भुगतान हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों, कर्मियों और पंचायत प्रतिनिधियों की मिलीभगत से योजना मद की चार करोड़ से अधिक की राशि की निकासी पर घोटाला कर लिया गया है।
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क्या कहते हैं डीडीसी
मामले की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद यदि मामला सत्य पाया गया, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मुरली मनोहर प्रसाद, उप विकास आयुक्त, चतरा। :::::::::::::::::::
क्या कहते हैं डीएफओ
प्रतापपुर में वन भूमि पर सड़क निर्माण का कार्य नहीं हुआ है। यदि संवेदक द्वारा किसी प्रकार का एनओसी की बात की जा रही है, तो वह फर्जी है।
एनसी सिंह मुंडा, डीएफओ, उत्तरी चतरा।