3500 प्रवासी घर लौटे, अब भी फंसे हैं साढ़े चार हजार
प्रयास कर रहा है। जिला प्रशासन प्रतिदिन मजदूरों के अपडेट डाटा से राज्य सरकार को अवगत करा रहा है। उम्मीद है बहुत जल्द कुछ न कुछ समाधान निकल आएगा।
जुलकर नैन, चतरा : नोवेल कोरोना वायरस को लेकर जिले में जन-जीवन सांसत में है। खासकर वैसे परिवार ज्यादा चितित हैं, जिनके परिजन रोजी-रोटी के लिए देश के विभिन्न भागों में गए हुए हैं। उनमें से करीब 3656 अपने घर लौट चुके हैं। जिला श्रम अधीक्षक अरविंद कुमार के अनुसार जिला के 4500 मजदूर अभी भी विभिन्न राज्यों में अंटके हुए हैं। मजदूरों के परिजनों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सरकार को उनकी सुध लेनी चाहिए और मदद के लिए आगे आना चाहिए। राज्य सरकार ने ऐसे मजदूरों के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के लिए अलग-अलग नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए हैं। लेकिन प्रतिनियुक्ति के बाद भी इन मजदूरों के परिवारों को बहुत लाभ नहीं हुआ है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में फंसे सोहन प्रजापति के भाई संतन कुमार का कहना है कि विभिन्न प्रांतों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए सरकार द्वारा कोई सार्थक प्रयास नहीं किया जा रहा है। सरकार ने वरीय अधिकारियों को नोडल पदाधिकारी बनाकर जिम्मेवारी से मुक्त हो गई है। वहीं कर्नाटक में मजदूरी कर रहे दिनेश राम के पिता सत्येंद्र राम कहते हैं कि उनके पुत्र के पास खाने को कुछ नहीं है। उनके साथ आसपास के गांवों के 15 युवक हैं। उनका कहना है कि यदि समय पर उचित व्यवस्था नहीं की गई, तो कई लोगों की जानें जा सकती है। बताते चलें कि जिले के विभिन्न प्रखंडों के मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में मेहनत मजदूरी करते हैं। जिसमें से 3656 मजदूर विभिन्न माध्यमों से वापस लौट चुके हैं। जिला र्प्रशासन वैसे मजूदरों पर लगातार नजर रखे हुए है। उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि श्रम विभाग ने वैसे मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रयास कर रहा है। जिला प्रशासन प्रतिदिन मजदूरों के अपडेट डाटा से राज्य सरकार को अवगत करा रहा है।
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विभिन्न प्रदेशों में फंसे जिले के मजदूरों का विवरण
प्रदेश संख्या
महाराष्ट्र 1389
गुजरात 979
पंजाब 100
दिल्ली 69
कर्नाटक 272
तमिलनाडु 61
तेलंगना 217
छत्तीसगढ़ 39
पंश्चिम बंगाल 69
उत्तराखंड 225
उत्तर प्रदेश 87
राजस्थान 2
उडीसा 1
दमन 3
आंध्राप्रदेश 31
जम्मू कश्मीर 3
गोवा 38
बिहार 11
असम 11
कुल 4499