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लावालौंग में वज्रपात से 27 पशुओं की मौत

की मौत हो गई। इसके बाद मंधनिया पंचायत के होसीर गांव में हुई। यहां कलटु भुइयां के चौदह पशुओं की मौत हो गई। जिसमें पांच गाय पांच बछड़े एवं चार बैल शामिल हैं। इसी प्रकार रिमी पंचायत स्थित टिकदा गांव में भी वज्रपात से कैलु गंझू के दो दुधारू गाय एवं दो बैलों की मौत हुई है। उल्लखनीय है कि लावालौंग प्रखंड के इन सुदूरवर्ती गांवों में जीविकोपार्जन करने के लिए पशुपालन करना ही किसानों के लिए आय का

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 14 Mar 2020 07:21 PM (IST)
लावालौंग में वज्रपात से 27 पशुओं की मौत
लावालौंग में वज्रपात से 27 पशुओं की मौत

संवाद सूत्र, चतरा : लावालौंग प्रखंड के अलग-अलग गांवों में शनिवार को मुसलाधार बारिश के साथ हुई वज्रपात से 27 पशुओं की मौत हो गई। पहली घटना सीलदाग पंचायत के नावाडीह गांव में एक पेड़ पर वज्रपात हुई जिसमें पेड़ के नीचे आश्रय लिए लुरक गंझू के सात भैंसों की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ ही देर में इसी गांव के साजीबार टोला में भी वज्रपात हुई। जिसकी चपेट में आने से पैरू गंझू एवं धनराज गंझू के एक-एक दुधारू गाय की मौत हो गई। इसके बाद मंधनिया पंचायत के होसीर गांव में हुई। यहां कलटु भुइयां के चौदह पशुओं की मौत हो गई। जिसमें पांच गाय, पांच बछड़े एवं चार बैल शामिल हैं। इसी प्रकार रिमी पंचायत स्थित टिकदा गांव में भी वज्रपात से कैलु गंझू के दो दुधारू गाय एवं दो बैलों की मौत हुई है। उल्लखनीय है कि लावालौंग प्रखंड के इन सुदूरवर्ती गांवों में जीविकोपार्जन करने के लिए पशुपालन करना ही किसानों के लिए आय का मुख्य स्त्रोत है।

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