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नगर में रहते हुए भी जलापूर्ति की सुविधा से वंचित

करगली (बेरमो) बेरमो कोयलांचल में कई इलाके ऐसे हैं जो नगर में रहते हुए भी पाइपलाइन से पानी नहीं मिल रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 01:21 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 01:21 AM (IST)
नगर में रहते हुए भी जलापूर्ति की सुविधा से वंचित
नगर में रहते हुए भी जलापूर्ति की सुविधा से वंचित

करगली (बेरमो): बेरमो कोयलांचल में कई इलाके ऐसे हैं, जो नगर में रहते हुए भी पाइपलाइन से जलापूर्ति की सुविधा से वंचित हैं। उनमें फुसरो शहर का वार्ड नंबर-18 भी शामिल है, जहां इन दिनों जलसंकट गहरा गया है। इसलिए लगभग दो किमी दूर दामोदर नदी से पानी लाने को महिलाएं विवश हैं। फुसरो नगर के वार्ड-18 अंतर्गत सिगारबेड़ा, रेहवाघाट, बालूबैंकर, बड़कीटांड़ आदि के अधिकतर चापाकल खराब हाकर बेकार पड़े हैं। साथ ही, भूमिगत जलस्तर पाताल चले जाने के कारण कुएं सूख गए हैं। इसलिए सुबह होते ही यहां की महिलाएं देगची लेकर दामोदर नदी की दौड़ लगाने को विवश हैं। यह स्थिति इस इलाके में केवल इस बार की गर्मी के मौसम में उत्पन्न नहीं हुई है। बल्कि प्रत्येक वर्ष यहां के लोगों को यह समस्या झेलनी पड़ती है। जबकि, पाइपलाइन से जलापूर्ति की व्यवस्था कराने के लिए नगर परिषद से स्थानीय लोग कई बार गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद पाइपलाइन तो दूर वाटर टैंकर की भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। रोजी-रोजगार के कार्य में पुरुषों के लगे रहने के कारण पानी की व्यवस्था करने के जिम्मेवारी महिलाओं को ही उठानी पड़ती है। बच्चों की देखभाल व घर के कामकाज की बोझ उठाने के साथ ही दूर नदी से पानी सिर पर ढोकर लाने की मशक्कत महिलाओं को करनी पड़ रही है।

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सिगारबेड़ा निवासी सावित्री देवी ने कहा कि यहां के चापाकल खराब हो गए हैं। कुएं भी सूख गए हैं। ऐसे में, नदी ही एकमात्र सहारा है। नदी से पानी माथे पर ढोकर लाना यहां की महिलाओं की दिनचर्या बन गई है। हालांकि, इस वजह से घर के अन्य कार्यों को करने में दिक्कत होती है। साथ ही, बच्चों की देखभाल भी प्रभावित होती है। इसके बावजूद यहां की महिलाओं को हर दिन पीने व खाना बनाने के लिए पानी लाने को लंबी दूरी तय कर दामोदर नदी पैदल जाना-आना पड़ता है। रेहवाघाट निवासी पंचमी देवी ने बताया कि

जलसंकट की वजह से इस बस्ती की लगभग 60 फीसदी महिलाओं को घर से बाहर पानी लेने के लिए हर रोज निकलना पड़ता है। इस काम में उनकी मदद बच्चियां भी करती हैं। बड़कीटांड़ निवासी चमेली देवी ने कहा कि उनकी बस्ती में लगभग हर मौसम में पानी की दिक्कत रहती है। जबकि, गर्मी के मौसम पानी का संकट गहरा जाता है। इस समस्या से नगर परिषद के अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन जलापूर्ति की कोई ठोस व्यवस्था अबतक नहीं की गई। नतीजतन, विशेष रूप से गर्मी के मौसम में यहां के लोगों को जलसंकट झेलना पड़ता है। वर्जन

फुसरो शहर के वार्डों में खराब पड़े चापाकलों को दुरुस्त कराने की दिशा में नगर प्रशासन की ओर से पहल की जा रही है। ताकि लोगों को पानी की समस्या से राहत मिल सके। सभी वार्डों में पाइपलाइन से जलापूर्ति कराने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व जलमीनार निर्माण का कार्य जारी है, जिसके पूर्ण होते ही पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा।

- मनोज कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद फुसरो


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