क्षय रोग पर विजय, मरीज हो जाते पूरी तरह स्वस्थ
संवाद सहयोगी फुसरो (बेरमो) मेडिकल साइंस ने क्षय रोग पर विजय पा ली है। इस रोग के मरीज अ
संवाद सहयोगी, फुसरो (बेरमो) : मेडिकल साइंस ने क्षय रोग पर विजय पा ली है। इस रोग के मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं। क्षय रोग को ही यक्ष्मा या टीबी कहा जाता है। इसका संपूर्ण इलाज संभव है। यदि यक्ष्मा के मरीज नियमित उपचार कराते हुए समय पर दवा की खुराक लें, तो बिल्कुल स्वस्थ हो सकते हैं। यह जानकारी बुधवार को यक्ष्मा नियंत्रण विभाग बेरमो इकाई के वरीय चिकित्सा पर्यवेक्षक विवेक कुमार जायसवाल ने दी। उन्होंने बताया कि बेरमो इकाई में दो वर्ष के दौरान यानी वर्ष-2019 से 2021 में अबतक कुल 410 यक्ष्मा (टीबी) के मरीजों के मामले आए। उपचार के बाद 287 लोग बिल्कुल स्वस्थ हो गए। वहीं, वर्ष 2021 में कुल 95 टीबी मरीजों का इलाज फुसरो स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में चल रहा है। शेष मरीज के अन्यत्र चले जाने के कारण यहां उनका इलाज नहीं हो रहा। संभवत: वे लोग जहां होंगे, वहीं अपना इलाज करा रहे होंगे।
-यक्ष्मा के लक्षण व उपचार की सुविधा : यक्ष्मा नियंत्रण विभाग बेरमो इकाई के स्वास्थ्य परिदर्शक राजकुमार ने बताया कि निरंतर शाम में बुखार आना, वजन कम होना, खांसी होने पर बलगम के साथ खून आना व शरीर कमजोर होते जाना यक्ष्मा के मुख्य लक्षण हैं। अनुमंडलीय अस्पताल फुसरो में सीबी नॉट के माध्यम से यक्ष्मा की जांच की जाती है। टीबी के मरीज को सरकारी तौर पर मुफ्त नियमित दवा के साथ ही प्रतिमाह पांच सौ रुपये पोषण राशि के रूप में दिए जाते हैं। बताया कि यक्ष्मा का वृहद रूप एमडीआर (मल्टी ड्रैग रजिस्टेंस) कहलाता है। एमडीआर हो जाने पर मरीज का इलाज निरंतर 24 माह तक चलता है। अस्पताल में बताए गए नियम और नियमित दवा कि खुराक लेने से मरीज बिल्कुल स्वास्थ्य हो जाता है। बेरमो इकाई में यक्ष्मा के मरीज
- वर्ष-2019 में कुल मरीजों कि संख्या 191 थी, जिनमें 183 हो गए स्वस्थ।
- वर्ष-2020 में कुल 114 यक्ष्मा के मरीज थे। उनमें 110 पूर्णत: स्वस्थ हो गए।
- वर्ष-2021 में अबतक कुल 95 यक्ष्मा मरीजों का नियमित उपचार हो रहा है।