प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन रहीं आदिवासी युवतियां
दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो हर काम आसान हो जाता है। ऐसी ही सोच के साथ तुपकाडीह तथा आसपास की दर्जनों आदिवासी युवतियां आज सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मननिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं।
संवाद सहयोगी, जैनामोड़: दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो हर काम आसान हो जाता है। ऐसी ही सोच के साथ तुपकाडीह तथा आसपास की दर्जनों आदिवासी युवतियां आज सिलाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्मननिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं। रोजाना ये युवतियां तुपकाडीह चौक बाजार स्थित एक टेलर की दुकान पर आती हैं, जहां उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण टेलर मास्टर युनुस अंसारी की ओर से निश्शुल्क दिया जाता है। पिकी मुर्मू, चैती सोरेन, साधमुनी सोरेन, कंचन सोरेन, सुशीला, अमरवती व संगीता ने बताया कि पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ सिलाई सीखने की ठानी। शुरू में माता-पिता ने मना किया, लेकिन जब गांव की कुछ लड़कियां सिलाई का प्रशिक्षण लेने लगीं तो उनके माता-पिता ने भी इजाजत दे दी। आज प्रशिक्षण प्राप्त कर वे महिलाओं के कपड़े सिलने लगी हैं। इससे कुछ पैसे भी कमा लेती हैं।
युवतियों ने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं के हित में योजनाएं तो कई चलाई जा रही हैं, लेकिन उन योजनाओं का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। कहा कि सरकार की ओर से सहयोग मिले तो हम आदिवासी युवतियां भी और बेहतर कर सकती हैं।
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