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मंद हुई कोरोना की रफ्तार, स्वस्थ होने लगे मरीज

जागरण संवाददाता बोकारो मई के प्रथम सप्ताह तक कोरोना की तेज रफ्तार से परेशान प्रशासनिक

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 10:45 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 10:45 PM (IST)
मंद हुई कोरोना की रफ्तार,  स्वस्थ होने लगे मरीज
मंद हुई कोरोना की रफ्तार, स्वस्थ होने लगे मरीज

जागरण संवाददाता, बोकारो : मई के प्रथम सप्ताह तक कोरोना की तेज रफ्तार से परेशान प्रशासनिक अमले ने राहत की सांस ली है। अब हर दिन अधिकतर मरीज ठीक हो रहे हैं। वही अधिक जांच के बावजूद संक्रमित लोगों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। जिले की अच्छी स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां के विभिन्न अस्पतालों में अधिकतर बेड खाली है।

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अब बेड के लिए मारामारी नहीं है। यदि किसी का कोई परिजन बीमार है तो उसके लिए सरकारी व निजी दोनों प्रकार के अस्पताल में बेड उपलब्ध है। वर्तमान में कोरोना संक्रमित लोगों के लिए निर्धारित सरकारी अस्पतालों के 755 और निजी अस्पतालों के 583 कुल 1337 सामान्य श्रेणी के बेड है। इनमें शुक्रवार की शाम तक मात्र 177 लोग इलाजरत थे। इनकी हालत अच्छी है। आने वाले दो से चार दिनों में इनकी छुट्टी हो जाएगी। भर्ती मरीजों में 133 सरकारी और बोकारो जनरल अस्पताल में है । निजी अस्पताल में मात्र 44 मरीजों का इलाज चल रहा है।

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ऑक्सीजन की मारामारी खत्म : जिले में मात्र 125 मरीज ऐसे हैं जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत है। इसके अतिरिक्त 80 मरीज ऑक्सीजन कंसट्रेटर के सहारे जरूरत के अनुसार शुद्ध ऑक्सीजन लेकर अपना स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। बोकारो में ऑक्सीजन की उपलब्धता है, लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है। जिला स्वास्थ्य विभाग व बीजीएच में चल रहे 320 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड पर मात्र 92 लोगों का ही इलाज चल रहा है। निजी नर्सिंग होम के 353 ऑक्सीजन सपोर्टेंड बेड पर मात्र 33 लोग इलाजरत है। शेष 74 लोगों को अलग-अलग कारणों से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर युक्त बेड उपलब्ध कराया गया है।

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जिले में बेड की उपलब्धता व भर्ती मरीज

क्रम संख्या -- बेड की श्रेणी -- सरकारी-- खाली बेड- निजी--- खाली बेड

1. सामान्य बेड --755--622--582--538

2. ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड --320--238 --353--320

3. ऑक्सीजन कंसट्रेटर--84--18--00--00

4. अन्य बेड वेंटिलेटर सहित --56--18--37--30

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लॉकडाउन और लोगों में जागरूकता के कारण मरीजों की संख्या में भारी गिरावट हुई है। अभी खतरा टला नहीं है। जब तक शतप्रतिशत वैक्सीनेशन का काम नहीं हो जाता है। हम सभी को स्वयं व अपने लोगों को बचाने के लिए सावधानी जरूरी है।

डॉ. अशोक कुमार पाठक, सिविल सर्जन बोकारो


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