बीके पाडेय, बोकारो : वर्षा जल को सहेजने की दिशा में बोकारो में बड़ा काम हुआ है। परिणाम के तौर पर देखें तो बोकारो औद्योगिक क्षेत्र स्थित डालमिया भारत सीमेंट प्लाट के सीएसआर विभाग ने जो कर दिखाया उसकी खूब तारीफ स्थानीय ग्रामीण कर रहे हैं। कंपनी ने वर्ष 2018 से 2019 के बीच बोकारो के छह गाव में सूख चुके 17 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया। तालाबों की खुदाई के साथ उसमें बारिश का पानी कैसे पहुंचे इसका भी रास्ता बनाया। नतीजा आज इलाके का जलस्तर दस से 20 फीट तक बढ़ गया। इन गावों में लगे चापाकल और कुएं जो गर्मी में दम तोड़ देते थे उनमें पानी अब लबालब हो गया है। करीब दस हजार से अधिक ग्रामीणों को अब जलसंकट नहीं झेलना पड़ रहा है।
ग्रामीण अरविंद कुमार व नरेश सिंह ने बताया कि जल संरक्षण का काम गोराबली, पखरियाटाड़, कुआ मुंडा, छतनीटाड़ समेत छह गाव में हुआ। जब काम शुरू हुआ तो लगा कि कंपनी केवल दिखावे के लिए कार्यक्रम कर रही है। पर जो परिणाम सामने आए उससे हम भी हतप्रभ हैं। वास्तव में यह तो धरातल पर सटीक काम हुआ है। गावों के सभी जल स्त्रोतों में जलस्तर काफी ऊपर हो गया है । गाव के कुआ जिसके पानी का उपयोग लगभग बंद हो गया था अब फिर शुरू हो गया है। चापाकल भी खूब पानी दे रहे हैं। तालाबों के जिंदा होने से यह सब संभव हो सका है। तालाबों की खोदाई और समय समय पर उनकी सफाई से यह संभव हुआ है। डोभा निर्माण की जगह तालाबों पर किया काम : वर्ष 2017 और 18 में जब झारखंड की सरकार गाव गाव में डोभा निर्माण की बात कर रही थी। तब कंपनी के सीएसआर विभाग में स्थानीय लोगों के पानी की समस्या के स्थाई निदान के लिए तालाबों के जीर्णोद्धार कराने का निर्णय हुआ। छह गावों के 17 बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। एक तालाब जिसका श्मशान के रूप में स्थानीय लोग उपयोग करते थे वह पूरी तरह सूख चुका था। उसमें पानी पहुंचाने के लिए कंपनी ने अपने औद्योगिक परिसर के वर्षा जल का संग्रह कर तालाब तक पहुंचाया। अब यह तालाब पूरी तरह ठीक हो चुका है। इसमें पूरे वर्ष पानी रहता है। यह भी स्थानीय लोगों की जरूरतों को पूरा कर रहा है। पानी मिला तो सब्जी की होने लगी खेती : कंपनी के सीएसआर प्रमुख उमेश कुमार का कहना है कि तालाबों के निर्माण से बहुत लाभ हुआ है। खासकर आसपास की गरीब आबादी अब अपनी जरूरत के अनुसार तालाबों का उपयोग कर रही है। उसके अलावा जलस्त्रोतों का जो जलस्तर बढ़ा है इससे वह अपने घर के आस-पास सब्जी की खेती भी कर पा रहे हैं। चापाकल से भी साल भर पानी मिल रहा है। लोगों की पेयजल की समस्या भी खत्म हो गई है।
बोकारो में कोरोना वायरस से जुडी सभी खबरे