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सेंट जेवियर स्कूल का सरकार को ठेंगा, नहीं लौटाएगा एक करोड़ 60 लाख अतिरिक्त शुल्क

जागरण संवाददाता बोकारो कोरोना काल में ट्यूशन फीस ही लेने के सरकार के नियम को सेंट जेवियर स्कूल प्रबंधन ने तोड़ा। दो हजार अभिभावकों से 2550 रुपये की जगह 1110 रुपये अधिक 3660 रुपये शुल्क भी वसूल कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 12:48 AM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 12:48 AM (IST)
सेंट जेवियर स्कूल का सरकार को ठेंगा, नहीं लौटाएगा एक करोड़ 60 लाख अतिरिक्त शुल्क
सेंट जेवियर स्कूल का सरकार को ठेंगा, नहीं लौटाएगा एक करोड़ 60 लाख अतिरिक्त शुल्क

जागरण संवाददाता, बोकारो: कोरोना काल में ट्यूशन फीस ही लेने के सरकार के नियम को सेंट जेवियर स्कूल प्रबंधन ने तोड़ा। दो हजार अभिभावकों से 2550 रुपये की जगह 1110 रुपये अधिक 3660 रुपये शुल्क भी वसूल कर लिया। अब सरकार यानि अनुमंडलीय अधिकारी ने अतिरिक्त शुल्क वापस/समायोजित करने के लिए कहा तो प्रिंसिपल ने ठेंगा दिखा दिया। दो टूक बता दिया कि इस मसले पर बाद में बात करेंगे। लिहाजा, इस बर्ताव पर अभिभावकों के समक्ष सरकार भी झेंप गई। साहब ने सकुचाते हुए मौन सहमति भी दे दी। इस दौरान एक फैसला अभिभावकों के पक्ष में जरूर हुआ कि वह सिर्फ ट्यूशन फीस दी देंगे।

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सनद रहे ट्यूशन फीस से ज्यादा वसूली को लेकर अभिभावकों का एक समूह मंगलवार को सेंट जेवियर स्कूल के प्रिंसिपल से मिलने गया था, लेकिन वह अभिभावकों से तो नहीं मिले। अलबत्ता, पुलिस जरूर बुला लिया। प्रिंसिपल के तेवर देख कर्मचारी भी रौब में आ गया था, उसने अभिभावकों से न सिर्फ बदसलूकी की बल्कि शिक्षा के मंदिर में गाली-गलौज भी किया। कर्मचारी के दु‌र्व्यवहार से माहौल गरम हुआ, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने शांत करा दिया। अनुमंडल पदाधिकारी शशि प्रकाश सिंह ने आश्वस्त किया था कि बुधवार को सेंट जेवियर के प्राचार्य और अभिभावकों के साथ वह वार्ता करेंगे।

इस क्रम में बुधवार को बैठक हुई। अभिभावक जियाउल हक ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस लेने व किसी भी परिस्थिति में बच्चों का नाम ऑनलाइन शिक्षा से नहीं हटाने से संबंधित गाइडलाइन जारी किया था। लेकिन स्कूल प्रबंधन की ओर से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क वसूल रहा है। फीस जमा नहीं करने पर बच्चों का रिजल्ट रोका जा रहा है। इससे अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि सभी अभिभावक ट्यूशन फीस देने को राजी है। इनसे अन्य शुल्क लेना गलत है। स्कूल प्रबंधन को अन्य शुल्क को समायोजित करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन को इस दिशा में लिखित सूचना जारी करना चाहिए। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि सभी निजी विद्यालयों को सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करना है। इसलिए विद्यालय प्रबंधन को अभिभावकों से केवल ट्यूशन फीस ही वसूल करना है। स्कूल को किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क वसूल नहीं करना है। अभिभावक केवल ट्यूशन फीस ही जमा करेंगे।

दो हजार अभिभावकों से की अवैध वसूली

विद्यालय के लगभग दो हजार अभिभावकों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क की वसूली की गई है। वार्ता में अतिरिक्त शुल्क के समायोजन को लेकर बात नहीं बनी। बाकी बचे 900 अभिभावकों को केवल ट्यूशन फीस जमा करना है। अतिरिक्त शुल्क के समायोजन को लेकर बाद में वार्ता की बात पर सहमति बनी। अभिभावकों ने प्राचार्य से लिखित आश्वासन की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि वह लिखित आश्वासन नहीं देंगे, लेकिन अब स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से ट्यूशन फीस ही वसूल करेगा।

इधर, झारखंड अभिभावक महासंघ के जिला संरक्षक राकेश मधु ने कहा कि स्कूल प्रबंधन सरकार की गाइडलाइन की अनदेखी कर रहा है। फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है। फीस जमा नहीं करने पर विद्यार्थियों को रिजल्ट रोका जा रहा है। लगभग दो हजार अभिभावकों से आठ-आठ हजार रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया गया है। इसे किसी भी स्थिति में समायोजित करना चाहिए। स्कूल प्रबंधन की मनमानी का विरोध जारी रहेगा। वार्ता में अभिभावक जियाउल, मासूम अख्तर, सना, नीरज आदि शामिल थे।


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