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एचपीसीएल बियाडा का पहला उद्योग जहां विद्युत विभाग को वापस बेची जाती है बिजली

बोकारो 2050 तक ग्रीन इनर्जी के उपयोग को लेकर पूरी दुनिया एकजुट है। इस दिशा में बोकारो

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 09:03 PM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 09:03 PM (IST)
एचपीसीएल बियाडा का पहला उद्योग जहां विद्युत विभाग को वापस बेची जाती है बिजली
एचपीसीएल बियाडा का पहला उद्योग जहां विद्युत विभाग को वापस बेची जाती है बिजली

बोकारो : 2050 तक ग्रीन इनर्जी के उपयोग को लेकर पूरी दुनिया एकजुट है। इस दिशा में बोकारो तेज गति से कदम बढ़ा रहा है। इसी प्रक्रिया में सबसे आगे कोई है तो देश की तेल कंपनियां जो कि स्वयं ऊर्जा के स्त्रोत का व्यापार करती है। हालांकि तेल कंपनियों के प्रबंधन भी अब अपने उपकरण को ग्रीन एनर्जी के तरफ शिफ्ट करने की पहल कर रही है। अब तक पेट्रोल पंपों का संचालन सोलर पावर से हो रहा था। अब झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड व हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने एक साथ आते हुए ऊर्जा बचाने के साथ बिजली बेचने पैदा करने काम प्रारंभ किया है। विद्युत विभाग की रूफ टाप सोलर सिस्टम की पहली बड़ी यूनिट बियाडा के एचपीसीएल के तेल डीपो में लगा है। वहां से कंपनी ने एक ओर जहां अपने मासिक बिल में दो से ढाई लाख रुपये की कमी कर ली तो सुबह के समय में जब संयंत्र का परिचालन नहीं होता उस समय उत्पादित बिजली बेचकर लगभग महिने का 15 से 30 हजार रुपये मासिक की आमदनी भी कर ली। वजह यह कि सुबह सूर्योदय से 8.30 बजे तक जब प्लांट बंद रहता है तो बिजली ग्रीड को जाती है। 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही सरकार :

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झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की सोलर लाइट लगाने की योजना के लिए सरकार की ओर से लोग अपने-अपने घरों की छतों पर सोलर लाइट लगाने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी भी दे रहा है। साथ ही इससे पैदा होने वाली बिजली को आप इस्तेमाल कर सकते हैं और बची हुई बिजली को विभाग को बेच भी सकते हैं। आपके द्वारा दी गई बिजली को आपके बिजली बिल में एडजस्ट कर दिया जाएगा। विद्युत विभाग का दावा है कि आप अपने छत के 100 वर्ग फूट हिस्से में सोलर सिस्टम स्थापित कर एक किलोवाट अर्थात महीना कम से कम 110 से 125 यूनिट तक बिजली का बिल बचा सकते हैं। यह आनग्रिड रूफ टाप सोलर सिस्टम है। इसमें बैटरी का भारी-भरकम खर्च भी नहीं किया गया। पूरे संयंत्र के लिए एचपीसीएल ने मात्र 90 लाख रुपये खर्च किए हैं। सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिजली का उत्पादन होता है।

एचपीसीएल ने अपने सभी शेड के उपर आनग्रिड रूफ टाप सोलर सिस्टम स्थापित किया है। इसके लिए कंपनी ने लगभग 90 लाख की राशि खर्च की। अब प्रत्येक माह की बिल में दो से तीन लाख की बचत हो रही है। साथ सुबह के समय उत्पादित होने वाली बिजली जो कि जेबीवीएनएल के ग्रीड में जाती है। उससे 10 से 20 हजार रुपये की आमदनी होती है। यह राशि विद्युत विपत्र में घट जाती है।

रंजन कुमार, विद्युत अभियंता एचपीसीएल। हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पहल बेहतर है। बोकारो औद्योगिक क्षेत्र के सभी उद्योग मालिकों से अपील होगा कि वे कम से कम अपने शेड पर सोलर ऊर्जा के प्लांट स्थापित कराएं ताकि उनके बिजली बिल में कमी हो और उन्हें लाभ हो। सरकार की ओर से प्रोत्साहन योजना का संचालन हो रहा है।

नवीन तिग्गा, सहायक अभियंता विद्युत विभाग।


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