जरीडीह की बेटी पहुंची इसरो
जरीडीह कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जरीडीह की छात्रा रिकी कुमारी इसरो पहुंच गइ
जरीडीह: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जरीडीह की छात्रा रिकी कुमारी इसरो पहुंच गई है। रिंकी का चयन इसरो के यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम के तहत राज्य स्तर पर हुआ है। बुलंद हौसला व जीत के जज्बे से रिकी के सपने को पंख लगा। इसने कठिन परिश्रम व लगन से पढ़ाई, खेलकूद, वाद-विवाद एवं विज्ञान व सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी में राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया। राज्य स्तरीय चयन समिति के सदस्यों ने रिकी के प्रदर्शन के आधार पर इसे चयनित किया।
बचपन की घटना ने बदल दी सोच
रिकी के पिता अराजू गांव निवासी सुरेश कुमार नायक उत्क्रमित उच्च विधालय अराजू में पारा शिक्षक हैं। माता काजल देवी गृहिणी है। चार भाई-बहनों में रिकी सबसे बड़ी है। बचपन की घटना ने उसकी सोच बदल दी। गांव में कुछ बच्चे गिल्ली-डंडा खेल रहे थे। वह उन्हें खेलते हुए देख रही थी। इसी बीच अचानक गिल्ली उसकी आंख पर लगी। इससे उसकी एक आंख चोटिल हो गई। माता-पिता ने इसका इलाज कराया, लेकिन इसके एक आंख की रोशनी चली गई। उसने बड़ा होकर चिकित्सक बनने की ठान ली। इसके बाद उसने पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित कर दिया। पिता की आय काफी कम है। वे उसे निजी विद्यालय में पढ़ाने में असमर्थ हैं। रिकी पढ़ने में अव्वल है। पिता ने उसका दाखिला कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जरीडीह में कक्षा छह में करा दिया। यहां शिक्षिकाओं के कुशल मार्गदर्शन में इसने कड़ी मेहनत की और शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद व अन्य गतिविधियों में बेहतर प्रदर्शन किया। इसने 82 फीसद अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इस वर्ष इसने जैक बोर्ड से आइएससी की परीक्षा दी है। रिकी राज्य स्तरीय लीगल लिट्रेसी वाद-विवाद प्रतियोगिता में अव्वल रही। इसने राज्य स्तर पर कराटे प्रतियोगिता में पदक हासिल किया है। जिला स्तरीय कस्तूरबा समागम के वाद-विवाद में पहले स्थान पर रही। इसके अलावा राज्य स्तर पर विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी में भी भाग लेकर सफलता हासिल किया। जिलास्तरीय बैंड प्रतियोगिता में भी बेहतर प्रदर्शन किया। जिला स्तरीय विज्ञान मेला में पहले स्थान पर रही। रिकी ने कहा कि वह डॉक्टर बन कर लोगों की सेवा करना चाहती है। इसलिए वह कठिन परिश्रम कर रही है। इसरो की योजना के तहत चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वार्डेन शशिबाला व शिक्षिका प्रियंका ने कुशल मार्गदर्शन किया। उनके सहयोग से ही यह संभव हो सका। माता-पिता ने भी सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रख्यात वैज्ञानिकों का मिलेगा मार्गदर्शन
इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन इसरो की ओर से अप्रैल व मई माह में ग्रीष्मावकाश में विद्यार्थियों को दो सप्ताह का प्रशिक्षण सह एक्सपोजर दिया जाएगा ताकि विज्ञान के क्षेत्र में उनका ज्ञानवर्द्धन हो सके। इन्हें अंतरिक्ष तकनीकी, अंतरिक्ष विज्ञान आदि का ज्ञान हो सके। चयनित विद्यार्थियों को देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन मिलेगा। वे इनके साथ अपने विचार को साझा कर सकेंगे। साथ ही इसरो के लैब का भ्रमण करेंगे। विशेषज्ञ के साथ विशेष सेशन में भी वाद-विवाद का अवसर मिलेगा। छह मानकों पर विद्यार्थियों को चयनित किया गया। आठवीं का परीक्षा परिणाम, साइंस क्लब या स्पेश क्लब की सदस्यता, विद्यालय स्तरीय निबंध, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी आदि प्रतियोगिता में सफलता, जिला, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में सफलता, स्काउट एंड गाइड, एनसीसी व एनएसएस सदस्य एवं विलेज एंड रुरल क्षेत्र के विद्यालय में अध्ययन को मानक बनाया गया था। इसके आधार पर ही विद्यार्थियों को चयनित किया गया।
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वर्जन
रिकी कुमारी सही तरीके से रुटीन का अनुसरण करती है। वह पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती है। वाद-विवाद में इसका कोई सानी नहीं है। इसके अलावा खेलकूद, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनी में भी भाग लेती है। वह अपने करियर को लेकर सजग है।
शशिबाला, वार्डेन, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जरीडीह