अपनी सुरक्षा अपने हाथ, हेलमेट को रखें साथ
बेरमो : बाइक चलाते व सवारी करते वक्त हेलमेट पहनना बेहद जरूरी है। यह न केवल एक कानूनी प
बेरमो : बाइक चलाते व सवारी करते वक्त हेलमेट पहनना बेहद जरूरी है। यह न केवल एक कानूनी प्रावधान है, बल्कि जान की हिफाजत के लिए भी यह जरूरी है। यह बात सभी लोग जानते हैं, इसके बावजूद अधिकतर लोग हेलमेट नहीं पहनते। हालांकि इसे सख्ती से लागू कराने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से अक्सर जगह-जगह अभियान चलाए जाते हैं, जिसमें बिना हेलमेट के बाइक चलानेवालों को आर्थिक दंड भुगतना पड़ता है। जो लोग इस पचड़े में पड़ चुके होते हैं वे तो बिना हेलमेट लगाए बाइक चलाने से बाज आ जाते हैं, लेकिन काफी लोग बिना हेलमेट पहने ही बाइक चलाते हैं।
बाइक चालक अधिक होते हादसे का शिकार : बेरमो कोयलांचल में जो भी सड़क हादसे होते हैं, उसके शिकार बाइक चालक ही अधिक होते हैं। पिछले एक वर्ष पूर्व यहां की ऊबड़-खाबड़ व जर्जर सड़कें सरकार की ओर से जीर्णोद्धार कराकर चिकनी कर दी गईं, तब से अन्य वाहनों के साथ-साथ बाइकों की रफ्तार भी बढ़ गई है। इस कारण आएदिन हादसे होते रहते हैं। बाइकों के पलटने अथवा अन्य वाहनों से टकराने पर बाइक सवार या चालक के सिर पर चोट जरूर लगती है, जो मौत का कारण बन जाती है। यह जानते-बूझते हुए भी बिना हेलमेट लगाए बाइक चलाने का चलन यहां कम नहीं हो रहा, बल्कि अधिकतर लोग बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने को शान की बात समझते हैं।
हेलमेट आइएसआइ मार्का का होना आवश्यक : हेलमेट का आइएसआइ मार्का का होना भी आवश्यक है। बिना आइएसआइ मार्क्ड वाले हेलमेट सिर की पूरी तरह सुरक्षा करने में पूरी तरह कारगर नहीं होते। आइएसआइ यानी इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट से प्रमाणित हेलमेट ही बाइक चलाते या सवारी करते समय लोगों को पहनना चाहिए, जो हादसे की नौबत में सिर को सलामत रखने में मददगार होते हैं। हालांकि आइएसआइ मार्क्ड हेलमेट की कीमत अन्य हेलमेट के मुकाबले कुछ अधिक होती है। बेरमो कोयलांचल के बाजारों में आइएसआइ मार्क्ड हेलमेट एक हजार रुपये में मिल जाते हैं, जो जान की हिफाजत के लिहाज से काफी कम है। इसलिए लोग बाइक चलाते व सवारी करते वक्त खुद तो हेलमेट पहने ही, बच्चों व महिलाओं को भी हेलमेट जरूर पहनाएं।
कार की सीट बेल्ट भी सुरक्षा कवच : यदि कार या वैन लोग चला रहे हों अथवा अगली सीट पर बैठे हों तो सीट बेल्ट पहनना बेहद जरूरी है। हादसे की नौबत में अधिक चोट अगली सीट पर बैठने वाले को ही लगती है। ऐसे में कार की सीट बेल्ट उनके लिए सुरक्षा कवच साबित होती है। बच्चों को कार की फ्रंट सीट पर न बैठाएं। अगली सीट पर बच्चों के बैठने से उनकी बातचीत व मासूम हरकतों की ओर वाहन चालक का ध्यान आकर्षित होने से हादसे हो सकते हैं। हादसे की स्थिति में फ्रंट सीट पर बैठे बच्चों को लगी हल्की चोट भी जानलेवा बन सकती है, क्योंकि बड़ों की अपेक्षा बच्चे अधिक नाजुक होते हैं।