अभियान : ये रास्ते हैं हादसों के, चलना संभल-संभलके
बेरमो : सड़क पर पैदल या वाहनों से चलने के दौरान सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। जरा सी अस
बेरमो : सड़क पर पैदल या वाहनों से चलने के दौरान सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। जरा सी असावधानी हादसे का कारण बन सकती है। सतर्कता व सावधानी की बदौलत दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। यह बात सभी लोग जानते हैं, इसके बावजूद अक्सर कई लोग लापरवाही बरतकर हादसे को आमंत्रण देते हैं। बीच सड़क पर तो पैदल कतई नहीं चलना चाहिए। रोड के किनारे या फुटपाथ पर ही पैदल चलना चाहिए। वाहनों को सड़क पर बाईं ओर और राहगीरों को दाईं तरफ चलना चाहिए। दाईं ओर पैदल चलने से सामने की तरफ से आती गाड़ी राहगीरों को दिखाई देती है, जिससे उसकी चपेट में आने से बचा जा सकता है। वहीं बेरमो कोयलांचल की सड़कों पर चलने के क्रम में तो जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती है। कारण, यहां के रोड का घुमावदार होना व जगह-जगह तीखे मोड़ का होना है, जिससे गुजरते समय अचानक सामने से आते राहगीर या वाहन दिखाई नहीं देते। इस कारण आएदिन हादसे होते रहते हैं। यही वजह है कि यहां के लोगों का कहना है कि ये रास्ते हैं हादसों के पर्याय, चलना संभल-संभलके..!
--सड़क पार करने में बरतें सावधानी : राहगीर हों या वाहन चालक सड़क पार करने के क्रम में सावधानी जरूर बरतें। वैसे भी कोयलांचल में यह कहावत मशहूर है कि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी। राहगीरों एवं वाहन चालकों को सड़क पार करने के पहले दोनों ओर यह देख लेना चाहिए कि कहीं कोई गाड़ी तो नहीं आ-जा रही है। यदि कोई वाहन आ-जा रहे हों तो उसकी दूरी देखकर जबतक यह इत्मेनान न हो जाए कि उसके पहुंचने स पहले सड़क पार की जा सकती है, तबतक लोग रोड क्रॉस न करें। वहीं जहां सड़क पर जेब्रा क्रॉ¨सग के निशान बने हों अथवा घुमावदार रोड हो या तीखे मोड़ हों, वहां भी रोड क्रॉस करने के क्रम में बरती गई लापरवाही खतरनाक हादसे का सबब बन सकती है।
--भीड़भाड़ में अधिक स्पीड हादसे का सबब : भीड़भाड़ वाले इलाके में वाहनों की अधिक स्पीड हादसे का सबब बनती है। इसलिए भीड़भाड़ वाले इलाके में वाहनों की रफ्तार चालक तेज न करें। बेरमो कोयलांचल में ज्यादातर सड़क हादसे तेज रफ्तार वाहनों की चपेट के कारण ही होते हैं। विशेष रूप से नौसिखिये व कम उम्र के लोग जब कार या बाइक चलाते हैं, तब उक्त वाहनों की गति नियंत्रित नहीं रहतीं, जिससे वे खुद तो हादसे की जद में आते ही हैं अन्य लोगों को भी दुर्घटनाग्रस्त कर देते हैं।
--बच्चों को हाथ थामकर कराएं सड़क पार : 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को अकेले सड़क पार कतई न करने दें। यदि कोई 14 वर्ष से कम उम्र का बच्चा अकेले सड़क पार करने की जुगत करता दिखे, तो लोगों को चाहिए कि उसका हाथ थामकर उसे सड़क पार करा दें। वैसे भी सड़क पार करने के लिए आवश्यक मानसिक संयोजन और सटीक निर्णय की क्षमता का विकास 14 वर्ष से कम उम्र तक नहीं हो पाता है। वहीं यदि कोई अंधेपन का शिकार, दिव्यांग या वृद्ध पैदल सड़क पार करने को हों तो लोगों को चाहिए कि उनकी मदद करें। ऐसा करना मानवता का परिचायक तो है ही, साथ ही हरेक जागरूक नागरिक का कर्तव्य भी है।